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नीतीश के नाम पर आखिर क्यों मान गए लालू

नीतीश के नाम पर आखिर क्यों मान गए लालू

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार नीतीश कुमार की घोषणा के बाद राजद नेताओं के बीच इस बात की खलबली मच गई कि अचानक यह सब कैसे हो गया। कल तक राजद प्रमुख लालू यादव इसके लिए असहमत थे लेकिन अचानक कैसे मान गए।
समीक्षा - दिल नहीं धड़का

समीक्षा - दिल नहीं धड़का

यदि दिल ऐसे ही धड़कता है तो फिर भगवान ही बचाए। जोया अख्तर (निर्देशक) यदि इस फिल्म का नाम दिमाग बंद रहने दो रखतीं तो एकदम बढ़िया रहता। जोया को समझना चाहिए कि कलाकारों का जमघट भर लगा देने से कोई फिल्म हिट नहीं हो जाती।
कभी दिया अंडा, अब क्यों पलटे शिवराज

कभी दिया अंडा, अब क्यों पलटे शिवराज

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जो आज आईसीडीएस योजना के तहत अंडा दिए जाने की इतनी मुखालफत कर रहे हैं उन्होंने ही सात साल पहले होशंगाबाद जिले में अंडा दिए जाने का प्रस्ताव पारित किया था। उस समय वह मुख्यमंत्री थे। होशंगाबाद के आदिवासी ब्लॉक में अंडा दिए जाने के लिए उन्होंने प्रोजेक्ट शक्तिमान को हरी झंडी दी थी। इस प्रोजेक्ट का नाम फिल्मकार मुकेश खन्ना के सीरियल शक्तिमान के नाम पर था। प्रोजेक्ट के तहत कुपोषित बच्चों को उबला अंडा और उबले आलू देने का प्रावधान था लेकिन आज वही शिवराज सिंह हैं जो अंडा न दिए जाने की बात पर अटल हैं।
भाई-बहन रणवीर-प्रियंका

भाई-बहन रणवीर-प्रियंका

घने झुरमुटों के बीच मुंबई स्थित रेसकोर्स क्लब पर पसरी वह सुरमई शाम समंदर की लहरों के संग उस वक्त और खुशनुमा हो उठी थी जब जावेद अख्तर के संग जोया अख्तर मंच पर आई और अनिल कपूर से अपने परिवार का परिचय कराने को कहा। मौका था, दिल धडक़ने दो के जश्न का जो ट्रेलर लांच के तुरंत बाद सोशल मीडिया में छा गया है। अनिल कपूर ने अपने बच्चों यानि रणवीर सिंह और प्रियंका को प्यार से गले लगाया तो मंच पर आत्मीय माहौल होने के बावजूद प्रियंका-रणवीर के भाई बहन के इस अवतार को पहचानना मुश्किल नजर आ रहा था।
बल्लभगढ़ में घर वापसी करने लगे दंगा पीड़ित

बल्लभगढ़ में घर वापसी करने लगे दंगा पीड़ित

दस दिनों से बल्लभगढ़ के अटाली गांव में चला आ रहा विवाद अब शांत पड़ चुका है। बल्लभगढ़ में दंगा पीड़ितों के लिए बने शिविर से लोग बसों में बैठकर अपने गांव लौट चुके हैं। जिस धार्मिक स्‍थल को क्षतिग्रस्त करने को लेकर विवाद था, अब उस पर भी समझौता हो गया है।
जासूसी साहित्य के शहंशाह

जासूसी साहित्य के शहंशाह

कनॉट प्लेस स्थित ऑक्सफोर्ड बुकस्टोर ने पिछले बृहस्पतिवार की शाम लोकप्रिय हिंदी साहित्य और उसमें भी जासूसी कथाओं के बादशाह स्तंभ सुरेन्द्र मोहन पाठक के साथ एक अनौपचारिक बातचीत आयोजित की। हिंद युग्म प्रकाशन के शैलेश भारतवासी और नीला स्कार्फ और हालिया रिलीज मम्मा की डायरी से चर्चित लेखिका अनु सिंह चौधरी ने उनसे बात की और जाना साहित्य की इस विधा को।
व्यापार की राह पर खेती

व्यापार की राह पर खेती

विकास के तमाम दावों और चकाचौंध के बीच खेती और किसानी चर्चा के पाएदान पर ही रहती है। केंद्र सरकार के एक साल पूरे होने पर जहां तमाम दूसरे क्षेत्रों की सघन पड़ताल हो रही है, वहीं कृषि पर तवज्जो कम रही। वह भी तब जब पिछले तीन-चार महीने से मौसम की मार की वजह से फसल बर्बाद होने और किसानों की आत्महत्या ने देश का ध्यान बरबस ही गहराते कृषि संकट की ओर खींचा था। नरेंद्र मोदी सरकार को एक साल में किसानों की आत्महत्या, मुआवजा, भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दे पर विपक्षी दलों ने घेरने की लगातार कोशिश की और इसी पर केंद्र सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा। इन तमाम ज्वलंत सवालों और संकट से बाहर निकलने की सरकार की रणनीति पर बिहार के मोतिहारी से पांच बार से सांसद और केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह से बातचीत के प्रमुख अंश
शाकाहारी शिवराज की अंडे पर पाबंदी

शाकाहारी शिवराज की अंडे पर पाबंदी

मध्य प्रदेश को शदुध शाकाहारी प्रदेश बनाने की सरकार की कवायद के तहत मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल इलाकों में छोटे बच्चों को दिन के खआने में अंडा देने से कड़ाई से मना कर दिया गया है। यह फैसला खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया है। और वह भी यह कहते हुए कि इस तरह की किसी योजना का प्रस्ताव भी उनके पास नहीं आना चाहिए।
मोदी ही करते हैं अंतिम फैसला : जेटली

मोदी ही करते हैं अंतिम फैसला : जेटली

प्रधानमंत्री के पास सारी शक्तियां केंद्रित होने की आलोचनाओं को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शनिवार को कहा कि नरेंद्र मोदी स्वयं सारी बातों को समझकर एवं अनुभव लेकर काम करने वाले प्रधानमंत्री हैं।
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