देश के औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में अक्तूबर में गिरावट रही। पूंजीगत सामान के उत्पादन में कमी तथा विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से अक्तूबर में औद्योगिक उत्पादन 1.9 प्रतिशत घटा है।
गुजरात में अब आरएसएस भाजपा को चुनावी आधार देने में जुट गया है। आरक्षण अधिकारों के लिए चल रहे पाटीदार, दलित व ओबीसी आंदोलनों के बीच सद्भावना बैठकों के जरिये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भाजपा के लिए सक्रिय हो गया है। संघ स्वदेशी पर जोर देते हुए अब प्रदेश में 700 बैठकें करने की तैयारी में है। इसी के साथ संघ ने देश में एकात्म मानववाद मॉडल लागू करने की घोषणा की है।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर की कई दरें रखना घातक होगा और यह पुराने वैट को नए आकार में पेश करने के अलावा और कुछ नहीं होगा।
देश में औद्योगिक उत्पादन में लगातार दूसरे महीने अगस्त में भी गिरावट रही। विनिर्माण, खनन व पूंजीगत सामान क्षेत्र में मंदी के चलते अगस्त में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक एक साल पहले की तुलना में 0.7 प्रतिशत नीचे रहा।
सरकार की एक अप्रैल से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की योजना के साथ राजस्व विभाग के समक्ष 60,000 फील्ड अधिकारियों को प्रशिक्षण देने की एक बड़ी चुनौती है। विभाग अब तक केवल 3,074 कर्मियों को ही जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध करा पाया है।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध एक प्रमुख संगठन भारतीय मजदूर संघ ने कहा है कि वह उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) का विरोध करेगा क्योंकि इससे आम लोगों पर अतिरिक्त भार पड़ेगा। हालांकि भाजपा नीत राजग सरकार ने जीएसटी को ऐतिहासिक और सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार बताया है।
गुड्स ऐंड सविर्सेज टैक्स (जीएसटी) को आजादी के बाद से कर क्षेत्र का सबसे बड़ा सुधार माना जा रहा है। जीएसटी से सरकार को अहम फायदे होंगे। इससे मेक इन इंडिया प्रोग्राम को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही कई वस्तुओं पर उपभोक्ताओं को राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। मौजूदा कर ढांचे और लाल फीताशाही के कारण होने वाली देरी से कारोबार को पांच-10 फीसद नुकसान पहुंचता है, जिसकी भरपाई कारोबारी उपभोक्ताओं की जेब से करते हैं।
ऑनलाइन खरीदे गये सभी खरीद पर एक समान वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। मॉडल जीएसटी कानून में यह कहा गया है। जीएसटी के अगले साल अप्रैल से लागू होने की संभावना है। स्थानीय शुल्क के बदले लगने वाला कर उस जगह लगेगा जहां सबसे पहले वित्तीय लेन-देन किया जाएगा।
कुछ आर्थिक निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच ने ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने का निर्णय किया है।