शंघाई में नियुक्त वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने अपने चीनी साथी के साथ विवाह रचा लिया है। देश में नौकरी कर रहे विदेशी राजनयिक द्वारा चीन में यह पहला गे-विवाह है।
संयुक्त राष्ट्र (यूएन) प्रमुख बान की मून ने बुधवार को अमेरिका, चीन और परमाणु हथियार से लैस अन्य राष्ट्रों से अनुरोध किया है कि वह सीटीबीटी में सुधार कर परमाणु हथियारों के परीक्षण के पागलपन को अंतत: समाप्त करें। इस साल सितंबर में सीटीबीटी के 20 साल पूरे होने वाले हैं।
उत्तर कोरिया द्वारा पांचवे परमाणु परीक्षण की तैयारी से जुड़ी खबरों के बीच अमेरिका ने ऐसे भड़काउ कृत्यों पर चिंता जाहिर की है। अमेरिका ने कहा है कि वह इस अलग-थलग पड़े देश को अंतरराष्ट्रीय कर्तव्यों के पालन को मजबूर करने के लिए उस पर दबाव बढ़ाना जारी रखेगा।
भारत ने धर्मशाला में एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए चीन के एक प्रमुख असंतुष्ट नेता को दिया गया वीजा संभवत: चीन की कड़ी आपत्ति की वजह से रद्द कर दिया है।
चीन के एक प्रमुख असंतुष्ट नेता को अगले सप्ताह धर्मशाला में आयोजित होने वाले सम्मेलन में भाग लेने के लिए भारत के निमंत्रण पर चीन ने नाराजगी का इजहार किया है। यह नया विवाद भारत और चीन के बीच तनाव का एक और कारण बन सकता है।
भले ही विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने अपनी चीन यात्रा के दौरान आतंकी मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने में चीन के वीटो का मुद्दा जोर-शोर से उठाया हो और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल मंगलवार से शुरू हुई अपनी चीन यात्रा में इस मुद्दे का उठाने वाले हों मगर चीन ने साफ कर दिया है कि संयुक्त राष्ट्र से अजहर पर प्रतिबंध लगवाने के प्रयास को रोकने का उसका फैसला तथ्यों और संबंधित प्रस्तावों के अनुरूप है।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना और पठानकोट आतंकी हमले के मास्टमाइंड मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित करवाने के भारत के प्रयास को चीन की ओर से बाधित किए जाने का मुद्दा आज अपने चीनी समकक्ष वांग यी के समक्ष पुरजोर ढंग से उठाया। सुषमा ने रूस-भारत-चीन (आरआईसी) के विदेश मंत्रियों की त्रिपक्षीय बैठक से इतर वांग के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में यह मुद्दा उठाया।
भारत के रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर पांच दिन की अपनी पहली चीन यात्रा पर आज रवाना होंगे। पर्रिकर की यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर संयुक्त राष्ट्र में प्रतिबंध लगाने के भारत के प्रयास को चीन द्वारा विफल कर देने की वजह से दोनों देशों के बीच नए सिरे से तनाव आ गया है।
चीन ने दक्षिण चीन सागर में अमेरिका और फिलीपीन की संयुक्त गश्तों का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि यह हानिकारक कदम क्षेत्रीय विरोधों को भड़काएगा और इस विवादित क्षेत्र की शांति एवं स्थिरता को नुकसान पहुंचाएगा। चीनी विदेश मंत्रालय ने पेंटागन के उस बयान पर अपना रुख स्पष्ट किया है, जिसके तहत कहा गया था कि दक्षिण चीन सागर में अमेरिका-फिलीपीन की संयुक्त गश्तें नियमित रूप से होंगी।