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Search Result : "आत्मकथा"

मशहूर क्राइम राइटर सुरेंद्र मोहन पाठक लिखेंगे अपनी आत्मकथा

मशहूर क्राइम राइटर सुरेंद्र मोहन पाठक लिखेंगे अपनी आत्मकथा

सुनील सीरीज का उपन्यास उनका पहला उपन्यास था और यह 1963 में पब्लिश हुआ था। यह उपन्यास पुराने गुनाह नए गुनहगार पत्रिका नीलम जासूस में प्रकाशित हुआ था। इसके बाद खोजी पत्रकार सुनील चक्रवर्ती को लेकर उन्होंने 100 किताबों की श्रृंखला की।
रस्किन बॉन्ड ने आत्मकथा-चर्चा में उड़ाया सलमान का मजाक

रस्किन बॉन्ड ने आत्मकथा-चर्चा में उड़ाया सलमान का मजाक

आत्मकथा लिखने में मसरूफ दिग्गज लेखक रस्किन बॉन्ड को उम्मीद है कि उनकी आत्मकथा से युवा लेखकों को मदद मिलेगी। कोलकाता के विक्टोरिया मेमोरियल में टाटा स्टील कोलकाता लिटरेरी में एक सत्र के दौरान बॉन्ड ने यह बात कही। उन्होंने बातचीत में फिल्म अभिनेता सलमान खान का मजाक भी उड़ाया।
भाजपा शासित सूबे में आडवाणी की आत्मकथा 'मेरा देश मेरा जीवन' रद्दी में फेंकी

भाजपा शासित सूबे में आडवाणी की आत्मकथा 'मेरा देश मेरा जीवन' रद्दी में फेंकी

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में कलेक्टोरेट परिसर में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की आत्मकथा 'मेरा देश मेरा जीवन' रद्दी में पड़ी है। वह भी एक-दो नहीं, बल्कि 500 किताबें। इन्हें विभाग ने ही अनुपयोगी और रद्दी बताकर फेंक दिया है। पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के अफसरों का तर्क है कि जिन किताबों की समाज को जरूरत है, उन्हें मंगा कर थक गए हैं। ऐसी किताबों को बांटने के लिए अफसर दबाव दे रहे हैं, जिन्हें दीमक भी नहीं खा रहे।
'चित्त चेते' के लिए पद्मा सचदेव को मिला सरस्वती सम्मान

'चित्त चेते' के लिए पद्मा सचदेव को मिला सरस्वती सम्मान

डोगरी की विख्यात साहित्यकार पद्मा सचदेव की आत्मकथा चित्त चेते को 2015 के सरस्वती सम्मान के लिए चुना गया है। साल 2005 से 2014 की अवधि में प्रकाशित पुस्तकों पर विचार करने के बाद चयन परिषद् ने सचदेव की आत्मकथा को प्रतिष्ठित सरस्वति सम्मान के लिए चुना।
अपने साथ हुए भेदभाव का खुलासा करेंगे किरमानी

अपने साथ हुए भेदभाव का खुलासा करेंगे किरमानी

भारत के पूर्व विकेटकीपर सैयद किरमानी ने अपनी आत्मकथा में साथी खिलाड़ियों के बारे में कुछ खुलासा करने का दावा किया है। उन्होंने जल्द ही जारी होने वाली अपनी आत्मकथा में साथी क्रिकेटरों द्वारा उनके साथ किए गए भेदभाव को जगजाहिर करने की बात की है।
अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

राजनीतिज्ञ, किसान, क्रिकेट प्रशासक और लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहे शरद पवार ने अपनी आत्मकथा, ऑन माई टर्म्स: फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पावर(प्रकाशक: स्पिकिंग टाइगर) को जारी करते हुए अपना 75वां जन्मदिन मनाया। अपनी बीमारी के बावजूद कभी पूराने कांग्रेसी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मुखिया की जिंदादिली और फुरतीलापन बरकरार है और वह सन्यास लेने का कोई संकेत नहीं देते हैं। दिल्ली में उन्होंने बुला देवी से बातचीत की।
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