अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई की पृष्ठभूमि में भाजपा के महासचिव राम माधव ने जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्राr मुफ्ती मोहम्मद सईद से मुलाकात की और गठबंधन सहयोगियों के बीच बेहतर तालमेल का आह्वान किया।
जम्मू कश्मीर के गृह विभाग द्वारा जम्मू के डीएम को लिखे गए एक पत्र ने कट्टरपंथी अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई पर नया विवाद खड़ा कर दिया है। पत्र में दावा किया गया है कि उसकी रिहाई का आदेश इस साल फरवरी में भेजा गया था, जब राज्यपाल एनएन वोहरा राज्य के प्रभारी थे।
जम्मू-कश्मीर में अगगाववादी हुर्रियत नेता मसरत आलम को रिहा किये जाने पर लोकसभा में विपक्ष ने सरकार को घेरने की कोशिश की। भारतीय जनता पार्टी की सरकार इस मसले पर बचाव की मुद्रा में है।
जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता मसरत आलम की रिहाई के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि इस तरह की गतिविधि भारत सरकार को जानकारी दिए बिना हो रही हैं और देश की एकता-अखंडता के लिए जो भी जरूरी होगा उनकी सरकार करेगी।
जम्मू-कश्मीर में पहली बार सरकार बनाने की भारतीय जनता पार्टी की खुशी काफूर हो चुकी है और अब उसके शीर्ष नेता शायद यही सोच रहे हैं कि गले अटकी इस हड्डी से कैसे छुटकारा पाया जाए। राज्य के मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद ने कट्टरपंथी अलगाववादी हुर्रियत नेता मसरत आलम की रिहाई के आदेश देकर महज एक हफ्ते में भाजपा का सिरदर्द दोबाला कर दिया है।