मुर्शिदाबाद जिले के जंगीपुर के बेडबुना गांव के लोग आज भी उस मंजर को भूल नहीं पा रहे हैं जब 11 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान आई 120 घरों में भीड़ ने कथित रूप से आग लगा दी और नकदी, गहने व मवेशी लूट लिए और उनके सामने अनिश्चित भविष्य छोड़ दिया।
पीड़ितों का कहना है कि हमलावर बाहर से आए और हथियारों व पेट्रोल के साथ झोपड़ियों पर हमला किया था जिसके कई लोग जान बचाकर भागे। जिला प्रशासन ने घरों के पुनर्निर्माण का आश्वासन दिया है।
एक पीड़ित राहुल मंडल ने बताया, “हमने पीछे से भागकर जान बचाई। उन्होंने मवेशी ले लिए और घर जला दिए।” गांव की निवासी शांति ने बताया कि कई लोग भागीरथी नदी पार कर मालदा और झारखंड में अपने रिश्तेदारों के पास शरण लिए हुए हैं। धुलियान में भी कई दुकानें और घर क्षतिग्रस्त हुए हैं।
एक जिला अधिकारी ने बताया कि राज्य के वित्त पोषण से अगले सप्ताह तक पीड़ितों के घरों के पुनर्निर्माण के लिए युद्ध स्तर पर काम शुरू हो जाएगा।
फार्मेसी संचालक राजेश ने कहा कि उन्होंने तीन दिन बाद दुकान खोली है। उन्होंने बताया, “हम 50 वर्षों से यहां हैं, कभी ऐसा नहीं हुआ। उम्मीद है यह दुःस्वप्न दोबारा नहीं दोहराया जाएगा।”
स्थानीय निवासी मोहम्मद अकबर ने कहा, “हमलावर हिंदू-मुस्लिम दोनों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे थे। वे बाहरी लोग थे, प्रशासन से सुरक्षा चाहिए।”
धुलियान के एक और निवासी पंकज सरकार ने बताया कि इंटरनेट बंद होने के कारण डिजिटल भुगतान संभव नहीं है और एटीएम में नकदी खत्म है। उन्होंने कहा, “गुजारा मुश्किल हो गया है। उम्मीद है हालात जल्द सुधरेंगे।” एक अन्य ग्रामीण तपन नस्कर ने आरोप लगाया कि पुलिस, बुलाने के दो घंटे बाद आई।
गांव के एक अन्य निवासी संती ने कहा, "मैं यहां से दूर एक रिश्तेदार के यहां रह रहा हूं। यहां के मेरे कुछ पड़ोसी भागीरथी नदी पार करके मालदा जिले में चले गए हैं, जहां वे एक स्कूल की इमारत में शरण लिए हुए हैं।"