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नज़रिया

दक्षिण पूर्व एशिया के हालात

दक्षिण पूर्व एशिया के हालात

वैश्विक आर्थिक मंदी है। यूरोप की हालत बदतर हो गई है। अमेरिका और चीन जैसे देश भी परेशान हैं। नए बाजार और सस्ता कच्चा माल की तलाश में ये देश परेशान हैं। इस लिहाज से दक्षिण पूर्व एशिया में इन देशों को रास्ता नजर आ रहा है।
महबूबा की अलगाववादियों को फटकार

महबूबा की अलगाववादियों को फटकार

जम्मू कश्मीर में पीडीपी और भाजपा की गठबंधन सरकार बनने के बाद लोगों के बीच एक उम्मीद की नई किरण देखने को मिल रही है। इस सरकार से लोगों को काफी आशाएं हैं। आन्तरिक सुरक्षा को लेकर गठबंधन सरकार के सामने अनेक चुनौतियां खड़ी हैं जैसे सीमापार घुसपैठ, अलगाववादियों से निपटना और आतंकी हमलों को काबू करना प्रमुख हैं। जब तक इन चुनौतियों पर काबू नहीं पाया जाएगा तब तक कश्मीर घाटी के लोगों का जीवन स्तर नहीं सुधर सकता है।
अच्छे दिनों की तमन्ना और किसान

अच्छे दिनों की तमन्ना और किसान

कांग्रेस मुक्त भारत की हुंकार के बीच अच्छे दिनों की तमन्ना जवान करते हुए नरेंद्र दामोदार दास मोदी की सरकार सत्ता में आई। मोदी सरकार 26 मई, 2016 को अपना दो वर्ष पूरा करने जा रही है। इन दो वर्षां में जन आकांक्षाओं में उछाल आया और खूब राजनीतिक शोर-शराबा भी हुआ। लेकिन उन लोगों के बारे में किसी तरह की चर्चा नहीं हुई, जो देश के लिए अन्न पैदा करने में सातों दिन चौबीस घंटे अपना पसीना बहाते हैं।
नीट पर आवश्यक था अध्यादेश

नीट पर आवश्यक था अध्यादेश

सर्वोच्च न्यायालय द्वारा संपूर्ण देश में नीट की बाध्यता तुरंत प्रभाव से लागू किए जाने से मेडिकल और डेंटल कॉलेज में प्रवेश के इच्छुक छात्रों पर भारी संकट मंडरा रहा था। केंद्र सरकार द्वारा इसे इस वर्ष पूर्णत: लागू न किए जाने का अध्यादेश उन सबके लिए राहत लेकर आया है।
चाबहार समझौता आतंक के खिलाफ उत्तम रणनीति

चाबहार समझौता आतंक के खिलाफ उत्तम रणनीति

विश्व के अनेक देश आतंकवाद को लेकर गंभीर तो दिख रहे हैं लेकिन इन आतंकी संगठनों का मुकाबला कैसे किया जाए इस पर सहमति नहीं बन पा रही है। दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका को ही ले लें। वह एक ओर तो आतंकवाद से लड़ने की बात करता है और दूसरी ओर लगातार आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाले देशों का समर्थन करता है।
‘मुझसे सहमत नहीं हो तो मुझसे बहस करो, मेरी देह और चरित्र को गाली न दें’

‘मुझसे सहमत नहीं हो तो मुझसे बहस करो, मेरी देह और चरित्र को गाली न दें’

सोशल मीडिया पर बेबाक महिलाओं के खिलाफ सेक्सुअल ट्रोलिंग पहले से कहीं ज्यादा हो रही है। पहले इतना नहीं था। ट्रोलिंग करने वालों को बल मिल रहा है। हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय नेताओं ने एक मंच पर अपने साइबर योद्धाओं को सम्मानित किया था। उन्हें सम्मानित करना बताता है कि इन साइबर योद्धाओं को सरकार का समर्थन हासिल है। जिस तरह से ये लोग सोशल मीडिया पर कुछ लिबरल महिलाओं को टारगेट कर रहे हैं, भद्दी गालियां दे रहे हैं वह अविश्वसनीय है।
‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

‘ये लोग फ्री सेक्स का मतलब नहीं जानते’

फेसबुक और ट्विटर संवाद बनाने का जरिया है। मैंने अपने फेसबुक पर ऐसी सेटिंग्स की हुई थी कि मेरी वॉल पर कोई दूसरा कुछ लिख नहीं सकता था। बहुत से लोगों ने मुझसे कहा कि आप अपनी सेटिंग्स बदल दें ताकि हम आपसे संवाद में शामिल हो सकें। मैंने ऐसा कर दिया। कुछ समय पहले मैंने जेएनयू और जादवपुर यूनिवर्सिटी की छात्राओं पर लगे फ्री सेक्स के आरोप पर एक लेख लिखा। मैंने लिखा- ‘लड़कियों को फ्री सेक्स की गाली क्यों दी जाती है, पुरुषों को क्यों नहीं? क्योंकि माना जाता है कि पुरुषों को फ्री सेक्स का हक है।’ पुरुषों के लिए फ्री सेक्स कॉम्लीमेंट जैसा है। सही मायने में राजनीतिक तौर पर बेबाक महिलाओं को शर्मिंदा करने के लिए उन्हें रं...या फ्री सेक्स करने वाली कहा जाता है। मेरा यह लेख काफी शेयर हुआ। मैंने इसे अपनी फेसबुक वॉल पर भी शेयर किया। मेरे इस लेख में किसी ने कमेंट किया कि ‘तेरी मां भी फ्री सेक्स करती होगी?, तेरा बाप कौन है तू जानती भी नहीं.. ’ मेरी मां ने इसका जवाब दिया- ‘हां, मैंने फ्री सेक्स किया है। फ्री नहीं किया तो वह बलात्कार होता। फ्री का मतलब सहमति से सेक्स करना है, किसी को बंधक बनाकर सेक्स करना बलात्कार होता है।’ इसी से गालियों का सिलसिला शुरू हो गया। मेरे पिता, पति, भाई, बहन, मां सभी को गालियां और मुझे बलात्कार की धमकी दी गई।
'पाकिस्तान को साधने के काम आएगा ईरान'

'पाकिस्तान को साधने के काम आएगा ईरान'

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ईरान दौरे से बहुत उम्मीदें हैं। इस यात्रा को अतिमहत्वपूर्ण यात्रा के मद्देनजर देखा जाना चाहिए। इस दौरान उद्योग, व्यापार और शिक्षा के क्षेत्र से जुड़ी कई संभावनाओं पर विचार और समझौते होने की उम्मीद है। ये समझौते भारत और ईरान को और करीब लाएंगे।
अगस्ता प्रकरणः पैसा हर सौदे में शामिल

अगस्ता प्रकरणः पैसा हर सौदे में शामिल

किसी भी रक्षा सौदे की बात की जाए पैसा तो हर सौदे में शामिल रहा है। इसके लिए किसी एक राजनीतिक दल को दोषी नहीं ठहराया जा सकता। जिसकी भी सरकार रही उसने अपने तरीके से रक्षा सौदा किया।
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