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नज़रिया

सर्जिकल हमले वक्त की जरूरत थे

सर्जिकल हमले वक्त की जरूरत थे

उरी में ब्रिगेड मुख्यालय के आतंकवादियों के हमले के 11 दिन बाद, 29 सितंबर को नियंत्रण रेखा पर सर्जिकल हमलों से निश्चित ही एक स्पष्ट संदेश गया है, ‘बस, बहुत हो चुका’।
सर्जिकल स्ट्राइक की छाया में ब्रिक्स की बैठक

सर्जिकल स्ट्राइक की छाया में ब्रिक्स की बैठक

ब्रिक्स देशों यानी ब्राजील, रूस, भारत, दक्षिण अफ्रीका और चीन के शासनाध्यक्षों की बैठक 15 और 16 अक्टूबर को भारत के समुद्र तटीय राज्य गोवा में होने जा रही है और भारत इस बैठक की अध्यक्षता करेगा। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, ब्राजील के राष्ट्रपति माइकल टेमर और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति जैकब जुमा ब्रिक्स शासनाध्यक्षों के इस आठवें सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
जंग के बगैर करें फौजी कार्रवाई

जंग के बगैर करें फौजी कार्रवाई

हम कितनी भी कोशिश कर लें- कूटनीतिक औजार कभी पाकिस्तान के साथ काम नहीं आते। अरसे से भारत का यही अनुभव रहा है। हमारे सामने हमेशा यही स्थिति बन जाती है कि बदनाम देश को हम और कितना बदनाम करें?
राफेल: रास्ता या मुसीबत

राफेल: रास्ता या मुसीबत

पाकिस्तान की वायुसेना के उस अफसर ने कुछ साल पहले मुझसे कहा था, `सर हम चाहते हैं कि आप राफेल खरीदें। आपका (भारत का) यह कदम पाकिस्तानी एयर फोर्स के लिए बेहतर होगा... यह आपको इतना तंग करेगा, जितना हम नहीं कर पाई।’ कुछ साल पहले हल्की-फुल्के अंदाज में तर्क करते हुए पाकिस्तानी वायु सेना के एक अफसर ने जब मुझसे यह कहा तो उसकी आंखों में चमक थी।
आतंकी हमला, रक्षात्‍मक भारत अब कारगर तरीकों पर विचार करेे

आतंकी हमला, रक्षात्‍मक भारत अब कारगर तरीकों पर विचार करेे

लाइन ऑफ कंट्रोल से करीब 20 किलोमीटर भीतर उरी के सैन्‍य मुख्‍यालय में आतंकी हमला एक बहुत बड़ी आपरेशन भूल है। चार हथियार बंद आतंकियों ने सेना के चाक चौबंद मुख्‍यालय में 17 जवानों को मार डाला। यह हमारी सैन्‍य रणनीति की खामियों की ओर साफ इशारा करता है। तर्क दिया जा सकता हैै कि उरी ऊंचे पहाड़ों, जंगल और दरिया के बीच बसा है। इस वजह से वहां घुसपैठियों पर नजर रखना मुश्किल काम है। लेकिन आतंकियों की घुसपैठ पर गहनता से कोई नई रणनीति तो बनाई जा सकती है।
एएमयू के स्वरूप को लेकर तकरार

एएमयू के स्वरूप को लेकर तकरार

केंद्र सरकार की ओर से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप को चुनौती प्रदान करने वाले हलफनामें के जबाव में विश्वविद्यालय ने अपनी राय स्पष्ट करते हुए इसे दलगत राजनीति से प्रेरित एक प्रयास बताया है। सरकार द्वारा अगले जबाव के लिए 3 सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगे जाने के बावजूद मसला शांत नहीं हुआ है। केंद्र सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हलफनामे में विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक स्वरूप के विरूद्ध की गई टिप्पणी के बाद से यह सदन के अंदर और बाहर का मसला बन चुका है।
क्या ट्रंप का दिमाग खराब हो गया है या ऐसा केवल हिलेरी को लेकर है

क्या ट्रंप का दिमाग खराब हो गया है या ऐसा केवल हिलेरी को लेकर है

अंग्रेजी दैनिक टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित चार कालम की एक खबर चीख-चीखकर कह रही थी- ‘ट्रंप ने फिर उगला आग, ओबामा ने कहा और हिलेरी ने आईएसआईएस को ढूंढ निकाला’। क्या वास्तव में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का दिमाग खराब हो गया है जैसा कि पूरी अमेरिकी सत्ता हमें विश्वास दिलाने में जुटी है? या फिर उनकी उंगलियां हिलेरी क्लिंटन की दुखती रग को दबाने लगी हैं?
इरोम शर्मिला का संकट

इरोम शर्मिला का संकट

इरोम शर्मिला की लड़ाई की तरकीब बदलते ही उसे इस्तेमाल करने वाले संगठन ही उसके सबके बड़े दुश्मन बन गए हैं।
वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

गायिका मुबारक बेगम के जाने की ख़बर आयी तो दिल बैठ गया। मेरा उनसे करीब दस साल पुराना नाता रहा है। ज़माने ने वो हक़ मुबारक बेगम को कभी नहीं दिया जिसकी वो हक़दार थीं। मुबारक बेगम को ज्याकदातर बस फिल्मय ‘हमारी याद आयेगी’ के गाने ‘कभी तन्हाोईयों में यूं हमारी याद आयेगी/ अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जायेगी’...के ज़रिये याद कर लिया जाता है। या फिर ‘मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हमराही’ (फिल्मं हमराही)। लेकिन मुबारक बेगम ‘वन सॉन्गा वंडर’ नहीं थीं।