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नज़रिया

क्या ट्रंप का दिमाग खराब हो गया है या ऐसा केवल हिलेरी को लेकर है

क्या ट्रंप का दिमाग खराब हो गया है या ऐसा केवल हिलेरी को लेकर है

अंग्रेजी दैनिक टाइम्स आफ इंडिया में प्रकाशित चार कालम की एक खबर चीख-चीखकर कह रही थी- ‘ट्रंप ने फिर उगला आग, ओबामा ने कहा और हिलेरी ने आईएसआईएस को ढूंढ निकाला’। क्या वास्तव में रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का दिमाग खराब हो गया है जैसा कि पूरी अमेरिकी सत्ता हमें विश्वास दिलाने में जुटी है? या फिर उनकी उंगलियां हिलेरी क्लिंटन की दुखती रग को दबाने लगी हैं?
इरोम शर्मिला का संकट

इरोम शर्मिला का संकट

इरोम शर्मिला की लड़ाई की तरकीब बदलते ही उसे इस्तेमाल करने वाले संगठन ही उसके सबके बड़े दुश्मन बन गए हैं।
वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

वन सॉन्ग वंडर नहीं थीं मुबारक बेगम

गायिका मुबारक बेगम के जाने की ख़बर आयी तो दिल बैठ गया। मेरा उनसे करीब दस साल पुराना नाता रहा है। ज़माने ने वो हक़ मुबारक बेगम को कभी नहीं दिया जिसकी वो हक़दार थीं। मुबारक बेगम को ज्याकदातर बस फिल्मय ‘हमारी याद आयेगी’ के गाने ‘कभी तन्हाोईयों में यूं हमारी याद आयेगी/ अंधेरे छा रहे होंगे कि बिजली कौंध जायेगी’...के ज़रिये याद कर लिया जाता है। या फिर ‘मुझको अपने गले लगा लो ऐ मेरे हमराही’ (फिल्मं हमराही)। लेकिन मुबारक बेगम ‘वन सॉन्गा वंडर’ नहीं थीं।
‘बाबरी से जुड़े मौजूदा नेता तो उसके मलबे की पैदाइश हैं’

‘बाबरी से जुड़े मौजूदा नेता तो उसके मलबे की पैदाइश हैं’

बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि के सबसे उम्रदराज मुद्दई हाशिम अंसारी बेहद संजीदा व्यक्ति थे। वह ताउम्र सियासत से दूर रहे। बाबरी मस्जिद से जुड़े बाकी लोगों का कहीं न कहीं सियासत से ताल्लुक रहा है। कोई किसी राजनीतिक पार्टी से जुड़ा है तो कोई हिंदु संस्थाओं से।
लोकतांत्रिक तरीके से निकाले शांति का रास्ता

लोकतांत्रिक तरीके से निकाले शांति का रास्ता

कश्मीर घाटी में जो हो रहा है वह अच्छा नहीं है। आज हो कुछ हो रहा है वह पहली बार भी नहीं है। इससे पहले भी घाटी में हिंसा की इस तरह की घटनाएं होती रही है। कारण साफ है कि घाटी का लोगों का जो गुस्सा है उसे न तो जम्मू-कश्मीर की सरकार ने समझा और न ही केंद्र की सरकार ने।
आतंकवाद : मुस्लिम स्‍कालर्स मॉस काउंसलिंग पर विचार करें

आतंकवाद : मुस्लिम स्‍कालर्स मॉस काउंसलिंग पर विचार करें

आतंक पर समूची दुनिया के मुस्लिम स्‍कॉलर्स मास काउसलिंग पर विचार करें। उसकी शुरुआत करें। ऐसा करके ही मुस्लिम युवाओं को इस्‍लाम के सच और झूठ का अंतर समझाया जा सकता है। सीरिया और टर्की के नरसंहार के बाद आईएसआईएस जिस तरह से एकजुट होकर पूरी दुनिया को अपने आगोश में ले रहा है, वह आने वाले समय में बहुत भयावह हो सकता है।
पाकिस्तान कभी नहीं चाहेगा कश्मीर समस्या का समाधान

पाकिस्तान कभी नहीं चाहेगा कश्मीर समस्या का समाधान

बुरहान वानी और उसके दो साथियों की मौत के बाद कश्मीर घाटी में जो स्थिति उत्पन्न हुई है उसका गंभीर विश्लेषण करने की जरूरत है। इस विश्लेषण के जरिए कश्मीर समस्या का जो बुनियादी स्वरूप है उसको समझना पड़ेगा।
दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

दो बेगमों की जिद ने बांग्‍लोदश में खड़े किए मुश्किल हालात

बांग्‍लोदश के जन्‍म के समय कई लोगोें ने पाकिस्‍तान की मंशा का विरोध किया था। बांग्‍लादेश में 30 फीसदी अल्‍पसंख्‍यक हैं, जिन्‍हाेंने पाकिस्‍तान का साथ दिया था। इनमें सेना, पुलिस, नागरिक सेवक, इस्‍लामिक समूह जैसे जमात-ए-इस्‍लामी आदि शामिल थे। बांग्‍लोदश नेशनलिस्‍ट पार्टी की खालिदा जिया भी पाकिस्‍तान के पक्ष में हैं। प्रधानमंत्री और अवामी लीग की अध्‍यक्ष शेख हसीना का भारत की तरफ झुकाव है। हसीना भावुक हैं और कठोर फैसले नहीं ले पाती हैं। इन दोनों बेगमों की विचारधारा और कार्य करने का जो अंतर है, उसी में बांग्‍लादेश फंस गया है।
चिंताजनक है कश्मीर के हालात

चिंताजनक है कश्मीर के हालात

मिलिटेंट बुरहान वानी की मौत के बात जिस तरह से लोगों का हुजूम उमड़ा, लोगों में जिस तरह का आक्रोश फूटा है उससे आने वाले दिन चिंताजनक है
मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर दें ध्‍यान

मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर दें ध्‍यान

अब समय आ गया है कि इस्‍लाम के ऐसे विचार और उनके अनुसरण को रोका जाए, जो धर्म के नाम पर हिंसा और मारकाट को बढ़ावा दे रहे हैं। कटटरपंथी बनने की बजाए मुस्लिम युवाओं को ऐसी शिक्षा दी जाए ताकि उनके मन में एक अच्‍छे और उदार मुस्लिम बनने की भावना पैदा हो। यह काम अभिभावक, शिक्षक और मुस्लिम विद़वान मिल-जुलकर कर सकते हैं। मुस्लिम अभिभावक अपने बच्‍चों के मानसिक विकास पर ध्‍यान दें।
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