भारत में भले ही पत्रकारों का उत्पीड़न एक बड़ी समस्या हो मगर पत्रकारों को कैद करने के मामले में कम्युनिस्ट शासन वाला चीन दुनिया में सबसे आगे है। चीन के बाद ईरान और मिस्र का नंबर है।
क्रयशक्ति के आधार पर दिल्ली में रहने वालों के लिए एपल का आईफोन6 खरीदने का मतलब है कुल 360 घंटे की कमाई जेब से निकालना जबकि ज्यूरिख (स्विट्जरलैंड) में रहने वाले औसतन 20 घंटे की मेहनत से ही इस फोन को खरीद सकते हैं।
एक बार फिर भारतीय क्यू खेलों में पंकज आडवाणी का नाम पूरे साल सुर्खियों में रहा जिसने लंबे समय से चला आ रहा अपना दबदबा बदस्तूर कायम रखते हुए एक और विश्व खिताब जीता और अब उनके नाम 15 विश्व खिताब हो गए हैं।
मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार ने पद्म विभूषण सम्मान मिलने पर अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा कि यह मेरे लिए भावुक क्षण था। पद्म विभूषण देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रांतीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि समाजवादी सिद्धांत तमाम समस्याओं का हल है। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को कहा कि वे यदि अपने नेताओं की संघर्ष गाथाएं ही पढ़ लें तो बहुत कुछ हो सकता है।
यूरोप जहां प्रवासियों के मुद्दे से जूझ रहा है वहीं ब्रिटेन के विज्ञान एवं विश्वविद्यालय मंत्री जो जॉन्सन ने ब्रिटेन में अध्ययन और कार्य करने के लिए भारतीयों का स्वागत किया है। शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार के लिए वर्ष 2016 को ब्रिटेन-भारत वर्ष घोषित करने के उद्देश्य से भारत यात्रा पर आए ब्रिटिश मंत्री जॉन्सन ने पल्लव बाग्ला को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि शिक्षा के लिए ब्रिटेन जाना ब्रेन गेन (प्रतिभा विकास) है न कि ब्रेन ड्रेन (प्रतिभा पलायन)।
दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई जिसमें भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्ह कमल का फूल इस आधार पर वापस लेने का अनुरोध किया गया क्योंकि यह भगवान के स्वरूप को प्रदर्शित करता है और चुनावों के दौरान इसका उपयोग गैरकानूनी है।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने दावा किया है कि दस जनपथ के स्वयंभू वफादारों ने सोनिया गांधी को इस बात के लिए राजी किया था कि 1991 में पवार के बजाए पी. वी. नरसिंहराव को प्रधानमंत्री बनाया जाए क्योंकि गांधी परिवार किसी एेसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नहीं बनाना चाहता था जो स्वतंत्र विचार रखता हो।
भारत से अगले हफ्ते सिंगापुर निर्मित छह सेटेलाइट प्रक्षेपित किए जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कुल 625 किलो वजन वाले इन प्रक्षेपास्त्रों को पोलर सेटेलाइट लांच व्हिकल (पीएसएलवी) रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा।