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रवि अरोड़ा

संसदीय कमेटी करे क़ैराना की जांच : केसी त्यागी

संसदीय कमेटी करे क़ैराना की जांच : केसी त्यागी

उत्तर प्रदेश की राजनीति को गरमा देने वाले क़स्बे क़ैराना में कुछ सांसदो के साथ दौरा कर लौटे जेडीयू के राज्यसभा सदस्य केसी त्यागी दावा करते हैं कि क़ैराना से पलायन के दावे सरासर बकवास हैं । बक़ौल उनके, विधानसभा चुनावों की आहट से भाजपा बेचैन है और इसीलिए हवाई मुद्दे गढ़ रही है । पेश है केसी त्यागी से रवि अरोड़ा की इसी मुद्दे पर हुई खास बातचीत के कुछ अंश -
सरकार उनकी है , जो चाहे कर लें : संगीत सोम

सरकार उनकी है , जो चाहे कर लें : संगीत सोम

कैराना में हिंदुओ के कथित पलायन के ख़िलाफ़ निर्भय यात्रा निकालने का प्रयास करने वाले भाजपा विधायक संगीत सोम का दावा है कि उन्होंने प्रशासन को पंद्रह दिन का अल्टीमेटम दिया है और इस बीच क्षेत्र में क़ानून व्यवस्था की यदि हालत नहीं सुधरी तो वह पुनः यात्रा निकालेंगे । पेश हैं इसी मुद्दे पर भाजपा के फ़ायर ब्रांड विधायक संगीत सोम से रवि अरोड़ा की ख़ास बातचीतः
कैरानाः पूरा विवाद चुनाव के लिए

कैरानाः पूरा विवाद चुनाव के लिए

उत्तर प्रदेश के क़ैराना क़स्बे से हिंदुओं के पलायन का मुद्दा राज्य की राजनीति को गर्माए हुए है। एक ओर पाँच सदस्यीय वरिष्ठ विपक्षी नेताओं के एक दल ने क़स्बे का दौरा कर इसे भाजपा का राजनीतिक प्रपंच क़रार दे दिया है वहीं इस मुद्दे को भुनाने को भाजपा विधायक संगीत सोम ने शुक्रवार को बक़ायदा निर्भय यात्रा ही शुरू कर दी।
यमुना की किसे परवाह

यमुना की किसे परवाह

करोड़ों खर्च के बावजूद यमुना की सफाई दूर की कौड़ी, केंद्र सरकार की रीति-नीति सर्वाधिक दुखदायी यमुनोत्री से निकली यमुना दिल्ली पहुंचते ही दम तोड़ देती है और यहां से आगे चलता है दिल्ली का मल मूत्र और अपशिष्ट। दिल्ली क्षेत्र में यमुना के 22 किलोमीटर के सफर में राज्य के 18 बड़े नाले उसे नदी से बड़ा नाला बना कर उत्तर प्रदेश की ओर रवाना करते हैं।
सरकारों ने ही बिगाड़े हालात : राजेंद्र सिंह

सरकारों ने ही बिगाड़े हालात : राजेंद्र सिंह

जल पुरुष के नाम से विख्यात, पानी के नोबल पुरस्कार माने जाने वाले स्कॉटहोम वाटर और मैगसायसाय अवॉर्ड से नवाजे गए राजेंद्र सिंह का मानना है, देश में पानी की कमी राजनेताओं की देन है और सामुदायिक विकेंद्रीय जल प्रबंधन से हालात सुधारे जा सकते हैं। आउटलुक के साथ उन्होंने पानी की समस्या और समाधान पर बात की। पेश हैं प्रमुख अंश:
यूपी साधे सब सधे

यूपी साधे सब सधे

66 सदस्यों के केंद्रीय मंत्रिमंडल में 13 सदस्य उत्तर प्रदेश से हैं, लोकसभा चुनाव में मिली थी राज्य से बड़ी सफलता
महागठबंधन में सीटों का बंटवारा मुद्दा नहीं होगा- जयंत चौधरी

महागठबंधन में सीटों का बंटवारा मुद्दा नहीं होगा- जयंत चौधरी

राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख अजित सिंह के बेटे और पूर्व सांसद जयंत चौधरी महागठबंधन बनने को लेकर काफी आशान्वित हैं। चौधरी ने आउटलुक से बातचीत में महागठबंधन की रणनीति को लेकर खुलकर बातचीत की। पेश है प्रमुख अंश-
उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन के प्रयास

उत्तर प्रदेश में भी महागठबंधन के प्रयास

जमाना फार्मूले का है। राजनीति भी इससे अछूती नहीं। अब देखिए ना बिहार में गठबंधन का फार्मूला हिट हुआ तो अब उसे उत्तर प्रदेश में भी दोहराने की जुगत लगाई जा रही है। हालांकि शुरूआती दौर में बड़े खिलाड़ी अभी पर्दे के पीछे हैं मगर बातचीत के दौर बता रहे हैं कि बात तो बनकर ही रहेगी। बिहार के नायक नीतीश कुमार इस बार पूरी तरह स्वयं कमान संभाले हुए हैं, उनकी पार्टी जद (यू) के अध्यक्ष शरद यादव तो पिछली सीट पर ही बैठे हैं।
किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

किसान की लाठी नहीं है अब गन्ना

एक दौर था जब प्रदेश के किसान नकदी फसल गन्ने को अपनी लाठी मानते थे। सूबे की 124 चीनी मिलें सूरसा के मुंह जैसी खेतों की ओर ताकती रहती थीं और दिन रात गन्ने की ही फरमाईश करती थीं मगर अब यह लाठी जैसे टूट गई है और 'सुरसा’ भी न जाने कहां बिला गई है। प्रदेश में गन्ने की फसल को राजनीति का ऐसा घुन लगा है कि खेत, फसल और किसान सब चौपट हो रहे हैं। आलम यह है कि गन्ना उगाने की लागत सवा तीन सौ रुपए क्विंटल आ रही है मगर किसान को मिल रहे हैं मात्र 280 रुपए। वह भी रुला-रुलाकर।
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