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'ऑपरेशन सिंदूर' पर सेना ने दिखा दिए सारे सबूत, दो महिला अफसरों ने दिया 'मिनट टू मिनट' का अपडेट

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा और निर्णायक कदम...
'ऑपरेशन सिंदूर' पर सेना ने दिखा दिए सारे सबूत, दो महिला अफसरों ने दिया 'मिनट टू मिनट' का अपडेट

22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में हुए भयावह आतंकी हमले के बाद भारत ने कड़ा और निर्णायक कदम उठाते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में स्थित आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक की। इस हमले में 28 निर्दोष नागरिकों की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। इसके प्रतिशोध में भारत ने सैन्य और कूटनीतिक स्तर पर संगठित प्रतिक्रिया दी।

मंगलवार देर रात से बुधवार तड़के तक चले ऑपरेशन के बारे में बुधवार को रक्षा मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग में विस्तार से जानकारी दी गई। 

विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा, "पहलगाम में हमला अत्यंत बर्बरतापूर्ण था, जिसमें अधिकांश पीड़ितों को नजदीक से सिर में गोली मारकर तथा उनके परिवार के सामने ही मार दिया गया। परिवार के सदस्यों को जानबूझ कर हत्या के माध्यम से आघात पहुंचाया गया।"

उन्होंने कहा, "हमले के साथ ही यह भी कहा गया कि उन्हें अपना संदेश वापस ले लेना चाहिए। यह हमला स्पष्ट रूप से कश्मीर में सामान्य स्थिति को कमजोर करने के उद्देश्य से किया गया था।" विक्रम मिस्री ने कहा कि भारतीय खुफिया एजेंसियां आतंकवादी गतिविधियों पर नज़र रख रही हैं और उन्होंने भारत में और अधिक आतंकवादी हमलों के बारे में चिंता जताई है।"

उन्होंने कहा, "हमारी खुफिया जानकारी से संकेत मिलता है कि भारत के खिलाफ और हमले होने वाले हैं। इसलिए, रोकने और रोकने के लिए मजबूरी थी और इसलिए आज सुबह, भारत ने इस तरह के और अधिक सीमा पार आतंकवाद को रोकने के लिए जवाब देने के अपने अधिकार का प्रयोग किया। हमारी कार्रवाई नपी-तुली और गैर-बढ़ी हुई, आनुपातिक और जिम्मेदाराना थी। उन्होंने आतंकवादियों के बुनियादी ढांचे को खत्म करने पर ध्यान केंद्रित किया।"

पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश सचिव ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तान की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है तथा यह तय है कि हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, "यह आवश्यक समझा गया कि पहलगाम हमले के अपराधियों और योजनाकारों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। एक पखवाड़ा बीत जाने के बावजूद, पाकिस्तान की ओर से अपने क्षेत्र में आतंकवादी ढांचे के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।"

कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने दी प्वाइंट टू प्वाइंट जानकारी

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने बताया कि कुल नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया और उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि स्थानों का चयन इस तरह किया गया था कि नागरिकों और उनके बुनियादी ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे।

विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने कहा, "पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों को न्याय दिलाने के लिए भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया गया था। नौ आतंकवादी शिविरों को निशाना बनाया गया और उन्हें सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया गया... स्थानों का चयन नागरिक बुनियादी ढांचे को नुकसान से बचाने और किसी भी नागरिक की जान को नुकसान से बचाने के लिए किया गया था।"

इस बीच, प्रेस वार्ता के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने आतंकी शिविरों को नष्ट करने के वीडियो पेश किए, जिसमें मुरीदके भी शामिल है, जहां 2008 के मुंबई हमलों के अपराधियों डेविड हेडली और अजमल कसाब को प्रशिक्षण दिया गया था। 

कर्नल कुरैशी ने बताया कि मुरीदके के अलावा, सियालकोट में सरजाल कैंप, बरनाला में मरकज अहले हदीस और कोटली में मरकज अब्बास और सियालकोट में महमूना जोया कैंप को भारतीय सेना द्वारा किए गए हमलों में निशाना बनाया गया था।

भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए मासूम नागरिकों और उनके परिवारों को न्याय देने के लिए 'ऑपरेशन सिंदूर' लॉन्ज किया गया था। इस कार्रवाई में 9 आतंकवादी शिविरों को टारगेट किया गया और पूरी तरह से इसे बर्बाद किया गया।"

उन्होंने बताया कि भारतीय सेना ने पूरी सटीकता से आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और इस दौरान नागरिकों को कोई क्षति न हो, इसका विशेष ध्यान रखा गया। विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन की रणनीति साझा करते हुए कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य केवल प्रतिशोध नहीं, बल्कि भविष्य में आतंकियों के इरादों को कुचल देना था।

'ऑपरेशन सिंदूर' का प्रभाव

सेना द्वारा दी रही जानकारी के अनुसार, आतंकवादी स्थल मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुर, पाकिस्तान, जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा निशाना बनाया गया। इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों के उन शिविरों को निशाना बनाया गया जो भारतीय खुफिया एजेंसियों की निगरानी में लंबे समय से थे। 

डर रहा पाकिस्तान!

भारत की इस कार्रवाई पर पाकिस्तान ने तीखी प्रतिक्रिया दी है लेकिन कहीं न कहीं पड़ोसी देश में डर भी है। पाकिस्तान की सेना ने दावा किया कि उन्होंने पांच भारतीय फाइटर जेट मार गिराए हैं, जिसे भारत ने सिरे से खारिज कर दिया। विदेश सचिव ने साफ कहा कि भारत की कार्रवाई केवल आतंकियों के खिलाफ थी और इसमें किसी भी नागरिक या सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।

भारत सरकार की तैयारी पूरी

साथ ही, भारत सरकार ने पूरे देश में 'ऑपरेशन अभ्यास' नामक एक आपातकालीन तैयारी ड्रिल की घोषणा की है, जिसके तहत 244 जिलों में नागरिकों को आपात स्थितियों से निपटने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में स्कूलों को अस्थायी रूप से बंद किया गया है और अस्पतालों में आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह सक्रिय कर दिया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ लगातार उच्चस्तरीय बैठकें की हैं। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि भारत अब केवल आतंकी हमलों की निंदा करने तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि हर हमले का करारा जवाब देगा। अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस कार्रवाई की गूंज सुनाई दी है। संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका और चीन ने दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है, लेकिन भारत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।

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