पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ हुई हिंसा के बाद राजनीत तेज हो गई है। प्रदेश की मुख्यमंत्री ने इस हिंसा का दोषी केंद्र सरकार और भाजपा को बताया है। वहीं भाजपा ने हिंसा वाले अशांत इलाकों में ममता बनर्जी के लोगों से ना मिलने जाने पर सवाल उठाएं। इसी बीच मंगलवार को एक सरकारी कार्यक्रम में ममता बनर्जी ने कहा कि वह मई के पहले सप्ताह में हिंसा प्रभावित क्षेत्र मुर्शिदाबाद का दौरा करेंगी। वक्फ कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद में प्रदर्शन किया गया, जो कि हिंसा में बदल गया। इसमें तीन लोगों की मृत्यु हो गई। यह पूरा क्षेत्र अशांत हो गया है, यहां से स्थानीय हिन्दू लोग विस्थापित होने को मजबूर हैं।
बता दें कि मुर्शिदाबाद में हिंसा भड़कने के बाद यह प्रदर्शन मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली सहित कई अन्य जिलों में फैल गया। इन प्रदर्शनों के कारण सड़क जाम, पथराव और आगजनी के खबरें सामने आईं। इन क्षेत्रों में फैली हिंसा के चपेट में आए पीड़ितों पर देश की नजर टिकी है। वहीं सत्ता और विपक्ष के बीच हिंसा को लेकर आरोप प्रत्यारोप जारी हैं। इस बीच, पिछले हफ्ते राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने ममता बनर्जी के अनुरोध को ध्यान न देते हुए मुर्शिदाबाद पीड़ितों से मुलाक़ात की। उन्होंने कहा, "पीड़ित सुरक्षा की भावना चाहते हैं और निश्चित रूप से उनकी ओर से कुछ अन्य मांगें या सुझाव दिए गए हैं। इन सभी पर विचार किया जाएगा। हम उनके संपर्क में रहेंगे। निश्चित रूप से, बहुत प्रभावी सक्रिय कदम उठाए जाएंगे।"
मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद अशांत क्षेत्रों में अभी तक ममता बनर्जी का दौरा न होने को लेकर भाजपा सांसद संबित पात्रा ने ममता पर हिंदुओं के प्रति घृणा का आरोप लगाया और कहा कि ममता ने हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद का दौरा नहीं किया क्योंकि पीड़ित हिंदू थे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी हिंदुओं से नफरत करती हैं। अगर ऐसी अत्याचार मुस्लिम भाइयों पर हुए होते, तो वह वहां डेरा डाल चुकी होतीं।
वहीं विपक्ष के नेता सुवेंदू अधिकारी ने ममता की चुप्पी और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में न जाने को "कानून-व्यवस्था पर हमला बताया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी की रहस्यमय चुप्पी और हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में न जाना उनकी हिंदू-विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। भाजपा ने ममता बनर्जी के मुर्शिदाबाद न जाने को उनकी हिंदू-विरोधी मानसिकता, तुष्टीकरण नीति, और वोट बैंक की राजनीति से जोड़ा। नेताओं ने दावा किया कि ममता ने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा नहीं किया क्योंकि पीड़ित मुख्य रूप से हिंदू थे, और इसे उनकी पक्षपातपूर्ण नीतियों का सबूत बताया।