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मैगज़ीन डिटेल

खेल: सोशल मीडिया पिच पर चौके छक्के

खिलाड़ियों के लिए मस्ती करने या कमाने का नया जरिया बन गई है आभासी दुनिया

नजरिया: कृष्णैया बेमिसाल शख्सियत

कृष्णैया सहज और विनम्र होने के साथ कानून के पालन में अत्यंत सख्त थे

जनादेश’23/कर्नाटक: मुद्दों, गैर-मुद्दों का फलाफल

कांग्रेस और भाजपा के बीच कड़ी मोर्चाबंदी में जेडी (एस) की किंगमेकर बनने की जोर आजमाइश, भारी एंटी-इन्कंबेंसी से कांग्रेस को शह मगर भाजपा के आखिरी मौके पर भावनात्मक हल्ला बोल के सवाल भी

मणिपुर: पुरानी दरारें, नए जख्म

जमीन, संसाधनों और पहचान की लड़ाई राजनैतिक वजहों से लावा बनकर फूट पड़ी, जख्म लंबे समय तक रह सकते हैं

पंजाब: गले मिले, पर क्या गिले भी होंगे दूर?

प्रकाश सिंह बादल की श्रद्धांजलि सभा में उमड़े भाजपा नेताओं को देखते हुए टूटे गठबंधन के फिर जुड़ने के लग रहे हैं कयास

आवरण कथा/एंग्री यंग मैन: उसने फेंके पैसे नहीं उठाए...

पचास साल पहले गढ़े गए किरदार ने सिस्टम को स्थायित्व प्रदान करने वाली फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल ला दिया और ऐसे किरदार गढ़ने के कारण लेखकों की तूती बोलने लगी

आवरण कथा/एंग्री यंग मैन/ जावेद अख्तर: ‘हमने किसी प्लान के तहत एंग्रीयंग मैन के किरदार को नहीं रचा’

जिस एंग्री यंग मैन किरदार से उस दौर के हर बड़े स्टार ने किनारा किया, उसी ने अमिताभ बच्चन को सुपरस्टार बनाया

आवरण कथा/एंग्री यंग मैन: विश्व सिनेमा में गुस्सैल किरदार

विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन के साहित्य में उपजा एंग्री यंग मैन, बाद में दुनिया भर में विविध रूपों में सिनेमाई परदे पर शोषण, अन्याय के प्रतिकार का प्रतीक बना तो उपभोक्तावादी संस्कृति को शह देने का कारण भी बना

आवरण कथा/इंटरव्यू/रजत अरोड़ा: ‘‘लेखक कैसा हो, इसका एहसास सलीम-जावेद ने कराया’’

टैक्सी नंबर 9211 (2006), वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई (2011), द डर्टी पिक्चर (2011) और किक (2014) जैसी कई हिट फिल्मों के लेखक रजत अरोड़ा

आवरण कथा/नजरिया/एंग्री यंग मैन जिंदा है

समाज के हालात जस के तस बने हुए हैं, लेकिन धीरे-धीरे हम एंग्री यंग मैन के बजाय एंटी हीरो को अपना नायक मान चुके हैं

आवरण कथा/नजरिया: पटकथा की दुनिया के डॉन

सलीम-जावेद से पहले और बाद के हिंदी सिनेमा में फर्क इसी जोड़ी ने पैदा किया

सप्तरंग

ग्लैमर जगत की खबरें

नजरिया: गालियों की राजनीति

चुनावी राजनीति लगातार हैरान कर देने वाली हदें लांघती जा रही है, कर्नाटक चुनावों में इसकी हदों में और विस्तार हुआ, गालियां भी मुद्दा बनीं

यौन उत्पीड़न: आहत सम्मान की अग्निपरीक्षा

पॉक्सो के तहत भी ब्रजभूषण सिंह की गिरफ्तारी न होने पर उठे सवाल, किसान नेताओं के समर्थन से पीड़ितों को मिला बल

ब्रिटेन: शाही विरासत के ताज की मुश्किलें

राजशाही के खिलाफ उठती आवाजों के मद्देनजर किंग चार्ल्स तृतीय के लिए क्वीन एलिजाबेथ जैसा करिश्मा बरकरार रखना आसान नहीं होगा

प्रथम दृष्टि: दर्शकों का विवेक सर्वोपरि

किसी फिल्म के तथाकथित संवेदनशील विषय, दृश्यों और संवादों से आहत होकर उसके खिलाफ प्रदर्शन या प्रतिबंध महज उसके प्रति उत्सुकता बढ़ाने का काम करता है

संपादक के नाम पत्र

भारत भर से आई पाठको की चिट्ठियां

शहरनामा/कांकरा

भूरे बालू के ऊंचे रेतीले टीले वाला शहर