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पाठको की चिट्ठियां

आवरण कथा/सोशल मीडिया लत: नई नियति, नए नियंता

कॉलिंस के शब्दकोश ने एआइ को 2023 का शब्द बताया, यथार्थ की जगह आभास, असल की जगह नकली मेधा, आदमी की जगह रोबोट, इनसानी विवेक की जगह अलगोरिद्म, और स्वतंत्रेच्छा की जगह नियति- कल की दुनिया इन्हीं से मिलकर बननी है, सोशल मीडिया की लत उस बड़ी बीमारी का महज लक्षण भर

आवरण कथा/सोशल मीडिया सितारेः सस्ता नशा महंगी कीमत

यूट्यूब, इंस्टाग्राम और टिकटॉक के दौर में आदमी ही कंटेंट है। वह जो करे, वही टैलेंट है। कौन, कब, कहां, कैसे, किस हरकत से स्टार बन जाए कहा नहीं जा सकता। अजीबोगरीब कंटेंट बनाने वाले कुछ सामान्य लोग, जिनके दीवानों की अच्छी-खासी फौज है

आवरण कथा/सोशल मीडिया लत: लोकतंत्र पर नियंत्रण

कॉलिंस के शब्दकोश ने एआइ को 2023 का शब्द बताया, यथार्थ की जगह आभास, असल की जगह नकली मेधा, आदमी की जगह रोबोट, इनसानी विवेक की जगह अलगोरिद्म, और स्वतंत्रेच्छा की जगह नियति- कल की दुनिया इन्हीं से मिलकर बननी है, सोशल मीडिया की लत उस बड़ी बीमारी का महज लक्षण भर

आइपीएल: लंबी रेस के घोड़े!

आइपीएल के मुनाफे में पैसों की बारिश के साथ, खिलाड़ियों की वह पहचान भी है, जिससे अब उन्हें पूरा देश जानने लगा है

नया साल/राजनीति: चौबीस के मोहरे

नया साल शुरू होते ही लोकसभा चुनावों के मद्देनजर भाजपा और विपक्ष का जोर रणनीतियों पर

2023 झलकियां: तूफानी संकेत

2023 की प्रमुख घटनाएं

साहित्य/इंटरव्यू/संजीव: ‘‘धर्म सबसे बड़ा शोषक और जाति प्रथा सबसे घृणित’’

इस साल अपने उपन्यास ‘मुझे पहचानो’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजे गए कथाकार संजीव से उनके लेखन कर्म, जीवन, मौजूदा समाज और राजनीति की दशा पर हरिमोहन मिश्र ने विस्तृत बातचीत की। उसके अंश:

2023 किताबें: बीच बहस में

चर्चा और बहस-मुबाहिसे का बायस बन पिछले साल प्रकाशित पुस्तकों की एक मोटी फेहरिस्त

प्रथम दृष्टि: आभासी दुनिया का छलावा

अमेरिका के दस प्रतिशत से अधिक लोग सोशल मीडिया के ‘नशे’ का शिकार हैं

शहरनामा: फतेहगढ़

तरबूज-खरबूज-ककड़ी का स्वाद

स्मृति: सदैव अमृतामय

अमृता ने इमरोज के लिए जो एहसास ताउम्र जिया, उसे इमरोज ने आखिरी सांस तक निभाया

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