म्यांमार की संसद ने नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के करीबी और लंबे समय से सहयोगी रहे हेतिन काव को करीब आधी सदी बाद देश का पहला असैनिक राष्ट्रपति चुन लिया। पूर्व में सैन्य शासन के अधीन रहे देश के राजनीतिक इतिहास में यह एक नया मोड़ है।
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि केंद्र की मौजूदा सरकार की अगर इतिहास से तुलना की जाए तो यह हिटलर के फासीवादी मॉडल से मिलती-जुलती होगी। उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर अपने हिंदू राष्ट्र का एजेंडा चलाने के लिए राष्ट्रवाद पर बहस खड़ी करने का आरोप लगाया।
उच्चतम न्यायालय ने अरूणाचल प्रदेश में कांग्रेस के बागी नेता कलीखो पुल के नेतृत्व में सरकार के अवैध शपथ ग्रहण के खिलाफ पार्टी की एक याचिका पर अंतरिम आदेश जारी करने से इनकार करते हुए सोमवार को कहा कि यदि राज्यपाल के कार्य असंवैधानिक पाए जाते हैं तो अदालत इस फैसले को पलट सकती है।
अरुणाचल प्रदेश में जारी राजनीतिक संकट पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की बुधवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात से पहले ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वहां राष्ट्रपति शासन खत्म करने की सिफारिश कर डाली है। कांग्रेस का मानना है कि बतौर मुख्यमंत्री कलीखो पुल के शपथग्रहण के लिए उठाया जाने वाला कोई भी कदम असंवैधानिक होगा और इसी सिलसिले में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रपति से मिलने वाला है।
उच्चतम न्यायालय ने आज कांग्रेसी नेताओं के इस अनुरोध पर अंतरिम आदेश पारित करने से इंकार किया कि अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल जेपी राजखोवा को फिलहाल राष्ट्रपति शासन के अधीन इस राज्य में नई सरकार को शपथ दिलाने से रोका जाए।
अब आप मोबाइल फोन पर अंग्रेजी के अलावा हिंदी तथा कम से कम एक क्षेत्रीय भाषा के लिए प्रणाली रखना अनिवार्य होगा। दूरसंचार विभाग अगले तीन-चार महीने में इस तरह का नियमन लेकर आ रहा जिसके तहत मोबाइल फोन को हिंदी तथा एक क्षेत्रीय भाषा के अनुकूल बनाना अनिवार्य होगा।
अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन के मुद्दे पर सुनाई कर रही सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि किसी मुख्यमंत्री के विशिष्ट अधिकार को राज्यपाल नहीं हड़प सकते। साथ ही अदालत ने कहा कि संविधान में राज्यपालों के सीमित अधिकार हैं जिनका इस्तेमाल लोकतंत्र की अक्षुण्णता सुनिश्चित करने के लिए न्यायोचित और निष्पक्ष तरीके से किया जाना चाहिए।
देश को अंग्रेजी दासता से मुक्त कराने के लिए चलाए गए गदर और अन्य आंदोलनों के भूले बिसरे शहीदों की तस्वीरों का अनोखा और एकमात्र संग्रहालय है देशभगत यादगार हॉल। जालंधर स्थित इस संग्रहालय में क्रांतिकारियों की तकरीबन 300 से अधिक तस्वीरों और पेंटिंगों को प्रदर्शित किया गया है।