बजट प्रक्रिया में आमूल चूल परिवर्तन के एक हिस्से के तौर पर संसदीय मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीपीए) ने बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू करने और इसके बाद एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने की आज सिफारिश की।
केंद्र की मोदी सरकार के लिए 2017 का साल करो या मरो का होगा। विशेषज्ञों ने यह राय जताई है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस बात पर निर्भर करेगा कि सरकार कैसे 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर हासिल करने के लिए नोटबंदी से हुए संभावित 2.20 लाख करोड़ रुपये के लाभ का इस्तेमाल करती है।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कहा कि बजट पेश करने की तारीख पहले करने से वास्तविक अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक असर होगा क्योंकि इससे योजनाओं के लिए वित्त वर्ष की शुरुआत में ही अधिकृत कोष उपलब्ध हो जाएगा।
राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने आज साइरस इन्वेस्टमेंट्स कंपनी की अंतरिम राहत याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। न्यायाधिकरण ने साइरस मिस्त्री परिवार की कंपनी की याचिका के निपटान तक अंतरिम राहत से इनकार किया। याचिका में होल्डिंग कंपनी टाटा संस में खराब व्यवहार, उत्पीड़न तथा कुप्रबंधन का आरोप लगाया गया है।
देश की अग्रणी उद्योग समूह टाटा संस ने एक आश्चर्यजनक घटना क्रम के तहत साइरस मिस्त्री को आज कंपनी के चेयरमैन पद से हटा दिया। कंपनी के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को कंपनी के चेयरमैन का अंतरिम प्रभार दिया गया है।
उत्तरप्रदेश जहां देश के सबसे बड़े सूबे की राजनीतिक तस्वीर बदलकर रख देने वाले चुनाव के लिए तैयार है, वहीं चार अन्य राज्यों में भी फरवरी-मार्च में लगभग एकसाथ चुनाव होने की संभावना है। अगले साल एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश किए जाने के कुछ ही समय बाद ये चुनाव शुरू हो सकते हैं।
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने कहा है कि सरकार ने बजट तय समय से पहले पेश करने का निर्णय किया है। हालांकि, वह इस बात को लेकर गंभीर है कि पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों के बीच में बजट पेश नहीं किया जाए। अगले साल की शुरूआत में उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं।
मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने अपने ही आंकड़ों से अपने लिए बवाल खड़ा कर दिया। मामला पोषाहार बजट का है। सरकार ने बजट ज्यादा दिखाने के लिए आंकड़ों में एक करोड़ से भी ज्यादा बच्चों को पोषाहार बांटने का दावा किया है। लेकिन यह आंकड़ा खुद सरकार के लिए ही मुसीबत खड़ी करने वाला है।