सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए 2016-17 के बजट में 70,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
सरकार ने आम बजट 2016 में कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) से निकासी पर टैक्स लगाने के विवादास्पद प्रस्ताव पर कदम पीछे खींचने का मन बना लिया है। सरकार ने इसे वापस लेने पर मंगलवार को विचार करने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्रस्ताव वापसी का संकेत दिया है।
हर महीने थोड़ा-थोड़ा करके जो पैसा आप अपने बुढ़ापे के लिए बचाते हैं उस भविष्य निधि के पैसे पर टैक्स लगाने की मोदी सरकार की घोषणा ने देश के वेतनभोगी तबके को नाराजगी से भर दिया है। इस नाराजगी को देखते हुए केंद्र सरकार अब इस फैसले से पीछे हटने की राह तलाश रही है।
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी। देशद्रोह के आरोप में जेल में बंद कन्हैया को अदालत ने कुछ शर्तों के साथ छह महीने की अंतरिम जमानत दी है।
जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने संसद में पेश आम बजट में उत्तर प्रदेश की उपेक्षा किये जाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बजट में लेकिन सूबे को उसकी आबादी के लिहाज से जरूरी धन नहीं दिया गया।
देश में सरकार की चौतरफा हो रही आलोचना के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जब वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्तुत करने 29 फरवरी को लोकसभा में खड़े हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी सरकार दम साधे यह देख रही थी आखिर यह बजट उन्हें जनता के बीच खड़े होने का भी मौका देगा या नहीं। लेकिन जेटली सब तय करके बैठे थे और उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत ही इन पंक्तियों से करके अपने इरादे जता दिए थे:
'कश्ती चलाने वाले ने जब हार के दी पतवार हमें
लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मंझधार हमें
फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको
इन हालात में आता है दरिया पार करना हमें
भाजपा सरकार दस कदम आगे बढ़ने के साथ शीर्षासन के अंदाज में दो कदम पीछे हटने की कोशिश में संतुलन खो देती है। बजट को ‘सूट-बूट’ की छवि से निकालने के लिए ग्रामोन्मुख रखा गया, लेकिन वेतनभोगी कर्मचारियों और मजदूरों की खून-पसीने की कमाई की बचत भविष्य निधि के एक हिस्से पर टैक्स का प्रस्ताव रखकर गड़बड़ा गई है।