Advertisement

Search Result : "अट‍ल बिहारी वाजपेयी"

'बिहारी' और 'बाहरी' को एक कराने वाले भाजपा के #SUMO

'बिहारी' और 'बाहरी' को एक कराने वाले भाजपा के #SUMO

सुशील मोदी को सुमो भी कहा जाता है। सुशील मोदी ने लालू और उनके परिवार के पास करीब एक हजार करोड़ रुपये की 'बेनामी संपत्ति' होने का दावा किया था। इस पर लालू यादव ने सुशील मोदी पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी भी दी।
आईसीएसएसआर प्रमुख को लगता है पाठ्य पुस्तकें जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बना रहीं

आईसीएसएसआर प्रमुख को लगता है पाठ्य पुस्तकें जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बना रहीं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को ‘असहिष्णुता के सबसे बड़े पीड़ित’ कहने वाले बृज बिहारी कुमार तो याद ही होंगे। इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च (आईएसएसआर) के मुखिया बृज बिहारी कुमार का कहना है कि अब पाठ्य पुस्तकें शिक्षा देने के बजाय जेएनयू जैसे एक्टिविस्ट बनाने के लिए लिखी जा रही हैं।
इस बार भी वोट नहीं दे पाएंगे वोटर नंबर 141

इस बार भी वोट नहीं दे पाएंगे वोटर नंबर 141

मतदाता जागरूकता के लिए चुनाव आयोग के तमाम प्रयासों के बावजूद लखनऊ मध्य सीट से वोटर नंबर141 इस बार भी अपना मत नहीं डाल पाएंगे। यह वोटर और कोई नहीं, बल्कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी हैं।
‘मोदी को हटाना चाहते थे अटल-महाजन’

‘मोदी को हटाना चाहते थे अटल-महाजन’

भाजपा के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और उनके प्रधानमंत्रित्व काल के कई भाजपा नेता वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के बाद नरेंद्र मोदी के राजनीतिक कॅरिअर को समाप्त करने के पक्षधर थे। इन नेताओं में वाजपेयी कैबिनेट के ताकतवर मंत्री प्रमोद महाजन भी शामिल थे। यह दावा भाजपा के पूर्व सांसद प्रफुल्ल गोरादिया की किताब में किया गया है।
अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी के ‌लिए सर्जिकल आपरेशन जरूरी

अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चाइनीज, जर्मन जैसी हर भाषा के अच्छे ज्ञान का सदैव स्वागत होना चाहिए। लेकिन भारत जैसे देश में अंग्रेजी की अनिवार्यता राजनीतिक मजबूरियों और ब्रिटिश विरासत में मिले बाबुई तंत्र के कारण 70 वर्षों में समाप्त नहीं हो सकी।
विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

विभाजन के बाद महात्मा गांधी के कारण एस एच रजा ने भारत नहीं छोड़ा था

देश की आजादी के समय 1947 में हुए विभाजन के बाद परिवार के पाकिस्तान चले जाने के बावजूद मशहूर चित्रकार सैयद हैदर रजा ने भारत में ही रहने का फैसला किया था। उनके इस फैसले के पीछे उनकी मातृभूमि के प्रति वफादारी तो थी ही, लेकिन इसकी एक वजह महात्मा गांधी के प्रति उनका लगाव भी था।
Advertisement
Advertisement
Advertisement