दिग्गज अभिनेता अनिल कपूर की अपकमिंग बॉलीवुड फिल्म ‘मुबारकां’ का आज नया पोस्टर रिलीज किया गया है। इस पोस्टर में अनिल कपूर के लुक को दिखाया गया है। ट्रिम्ड दाढ़ी और पगड़ी वाले लुक के साथ ‘मुबारकां’ से वापसी कर रहे अनिल आखिरी बार 2 साल पहले फिल्म वेलकम बैक में नजर आए थे।
दिल्ली हाइकोर्ट ने आज रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने अर्णब को निर्देश देते हुए कहा है कि आप भाषणबाजी कम करो और अपने तथ्य दिखाओ।
एकदिवसीय महिला क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाली भारतीय गेंदबाज झूलन गोस्वामी अपनी उपलब्धि से काफी खुश हैं। लेकिन उनका मानना है कि वह रिकॉर्ड के लिए नहीं खेलतीं। चार देशों के टूर्नामेंट से जीत हासिल करने वाली टीम की सदस्य झूलन कहती हैं कि इस टूर्नामेंट में अगले महीने होने वाले विश्व कप के लिए अभ्यास का अच्छा मौका मिल।
बाहुबली 2 भले ही कमाई के बॉक्स ऑफिस पर रेकॉर्ड तोड़ती रहे लेकिन गदर निर्देशित करने वाले अनिल शर्मा इसे शिगूफे से ज्यादा कुछ नहीं मानते। उनका मानना है कि भले ही बाहुबली ने पंद्रह सौ करोड़ रुपये का बिजनेस कर लिया हो लेकिन गदर का कोई मुकाबला नहीं।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री अनिल माधव दवे का गुरुवार को दिल्ली के एम्स में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। मध्य प्रदेश के रहने वाले दवे 60 वर्ष के थे। संघ से जुड़े दवे को पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी कैबिनेट में जगह दी थी।
काम के प्रति समर्पण और सादा जीवन अनिल माधव दवे की खासियत रही है। पर्यावरण संरक्षण में उन्होंने अपना सबकुछ अर्पित कर दिया था। इसी वजह से पीएम नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट में जगह देकर उन्हेंने पर्यावरण को और बेहतर करने का जिम्मा दिया था। दवे ने मां नर्मदा की काफी सेवा की। नर्मदा के संरक्षण में उनकी उल्लेेखनीय भूमिका, उनके सामाजिक सरोकार की व्यांख्या करती है। मुस्कान के साथ सरल छवि वाले दवे पूरी तरह से कर्मयोगी थे।
अनिल माधव दवे, एक शौकिया पायलट, लेखक, पर्यावरणविद, नदी संरक्षणवादी, एक सांसद, पर्यावरण मंत्री और विभिन्न भूमिकाओं के लिए पहचाने जाते रहे हैं। संघ से ताल्लुक रखने वाले अनिल दवे को एक प्रखर प्रवक्ता के तौर पर जाना जाता था। पर्यावरणविद अनिल माधव दवे का जन्म मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के बड़नगर गांव में 6 जुलाई 1956 को हुआ था।
अनिल माधव दवे देश के पर्यावरण मंत्री बनने से पहले पर्यावरण के समर्पित कार्यकर्ता थे। सैकड़ों-हजारों वर्षों से चली आ रही नर्मदा यात्रा को उन्होंने समग्र दृष्टिकाेेेण दिया था। लेकिन नर्मदा पु्त्र दवे की जीवन यात्रा पर इतनी छोटी होगी, किसी को आभास नहीं था।