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Search Result : "अनुसूचित जाति-जनजाति कल्याण विभाग"

राजद के बिहार बंद से जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

राजद के बिहार बंद से जीवन हुआ अस्त-व्यस्त

सोमवार को राजद द्वारा किए गए बिहार बंद के चलते पूरे बिहार में आम जन जीवन अस्त व्यस्त हो गया। राजधानी पटना में इस बंद का खासा असर देखा गया। दुकानें, शैक्षणिक संस्थानों को जबरन बंद कराए जाने और कई ट्रेनों का परिचालन बाधित कर दिए जाने के कारण पूरे बिहार में आम जीवन प्रभावित रहा। पटना में लालू यादव बंद का नेत़त्व करते हुए पार्टी नेताओं के साथ गिरफ्तार कर लिए गए।
बिहार की राजनीति में जाति की ताकत का सच

बिहार की राजनीति में जाति की ताकत का सच

आजादी के आंदोलन और कांग्रेस की रणनीति और उससे भी बढ़कर पिछड़ा समुदाय की सत्ता से जुडे रहने की चाहत ने उनको कांग्रेस प्रिय बना दिया। जिन्हें कांग्रेस में जाना अच्छा नहीं लगा, वह वामपंथी, समाजवादी पार्टियों से जुड़ने लगे। हर हाल में बिहार में वोट से जाति का रिश्ता जुड़ गया।
जनगणना के जातिवार आंकड़ेः सरकार ने टाली अपनी बला

जनगणना के जातिवार आंकड़ेः सरकार ने टाली अपनी बला

जाति आधारित जनगणना के आंकड़े जारी नहीं करने को लेकर उत्पन्न विवाद के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया है। यह समूह जाति के आधार पर आंकड़ों का वर्गीकरण करने के लिए बनाया गया है।
सरकारी आंकड़ों के समंदर में तैरती सच्‍चाई

सरकारी आंकड़ों के समंदर में तैरती सच्‍चाई

इसी महीने जारी सामाजिक-आर्थिक-जाति जनगणना (एसईसीसी) के आंकड़े देखकर हम दिल्ली में समुंदर खोजने लग गए। इन आंकड़ों के नुसार दिल्ली में मछली पकड़ने की मशीनी नौकाएं 14,468 परिवारों के पास हैं-बड़े समुद्र तटीय क्षेत्र वाले तमिलनाडु के 13,760 परिवारों के पास ऐसी नौकाओं से कहीं ज्यादा। और तमिलनाडु के बड़े तटीय भूभाग को पखारता विशाल समुंदर और उसमें दूर-दूर तक डूबती-उतराती, मछली मारने के लिए जाल फैलाती अनगिनत मशीनी और मानव चालित नौकाएं हमने आंखों देखी हैं।
मॉनसून पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों के उलट दावे

मॉनसून पर मौसम विभाग और निजी एजेंसियों के उलट दावे

जुलाई का एक सप्ताह निकलने के साथ देश मौसम विभाग ने फिर से देश में कमजोर मॉनसून की आशंका जताई है और कहा है कि जुलाई माह में अभी तक पश्चिमोत्तर क्षेत्र को छोड़कर अन्य सभी इलाकों में बारिश नकारात्मक रही है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 8 जुलाई तक देश में बारिश चार प्रतिशत कम रही है। मध्य भारत में जून में बारिश अच्छी रही थी, लेकिन अब वहां बारिश आठ प्रतिशत कम है।
राष्ट्रगान से हटना चाहिए ‘अधिनायक’- राज्यपाल कल्‍याण सिंह

राष्ट्रगान से हटना चाहिए ‘अधिनायक’- राज्यपाल कल्‍याण सिंह

राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह ने मंगलवार को कहा कि राष्ट्रगान में अधिनायक की जगह मंगल शब्द होना चाहिए क्योंकि अधिनायक शब्द में स्वतंत्रता पूर्व के समय के अंग्रेजी शासक का गुणगान किया गया है।
आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

आधी आबादी मजदूर, लेकिन अति वंचित 1% से कम?

केंद्र सरकार ने लंबे इंतजार के बाद सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 के कुछ आंकड़े जारी किए हैं। हालांकि, जाति से जुड़े आंकड़ों का अभी भी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन ग्रामीण भारत से जुड़े कई चौंकाने वाले तथ्‍य सामने आए हैं। इनमें से कुछ आंकड़े काफी विवादस्‍पद नजर आते हैं। नतीजों को सार्वजनिक करने में देरी और आपत्तियों की सुनवाई को लेकर यह जनगणना पहले ही सवालों से घिरी है। जानिए देश के 640 जिलों में हुई सामाजिक आर्थिक और जाति जनगणना ग्रामीण भारत की कैसी तस्‍वीर पेश करती है-
रिलायंस जियो को हजारों करोड़ रुपये का अनुचित लाभ

रिलायंस जियो को हजारों करोड़ रुपये का अनुचित लाभ

संसद में पेश सीएजी (कैग) की ड्राफ्ट रिपोर्ट में पहले 22,842 करोड़ रुपये का रिलायंस जियो को 'अनुचित लाभ’ देने की बात कही गई मगर फाइनल रिपोर्ट में आश्चर्यजनक रूप से यह रकम घटकर 3,367 करोड़ रुपये हो गई। दिलचस्प यह है कि आरबी सिन्‍हा, जिनकी निगरानी में ये ड्राफ्ट रिपोर्ट तैयार हुई, उनका इसी महीने तबादला हो गया।
भूमिपूजन से भला नहीं

भूमिपूजन से भला नहीं

वह एक हिंदू राजा की तरह अपनी पत्नी और बेटे के साथ बैठकर आंध्र की नई राजधानी के लिए भूमि पूजन कर रहे थे। वैदिक रीति से मंत्रोच्चार की गूंज चहुं दिशाओं में उठ रही थी। मुहूर्त का ध्यान पल-पल रखा जा रहा था। घड़ी ने जैसे ही सुबह के 8.49 मिनट बजाए, यह सब शुरू हो गया। बाकी तमाम साथी थोड़ी दूरी पर थे, क्यांेकि यह प्रक्रिया पति, पत्नी और बेटे (यहां राजा,रानी और राजकुमार पढ़ा जाए) द्वारा ही पूरी की जाने की बात शास्त्रों में लिखी है। बिल्कुल वैसा ही किया गया।
धर्म और धुंध

धर्म और धुंध

संजीव श्रीवास्तव पेशे से टीवी पत्रकार हैं। उनकी एक पुस्तक - समय, सिनेमा और इतिहास भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित है। संजीव की कविताओं में धर्म, राजनीति और इस सबके बीच पिसती मनुष्यता का ऐसा विवरण है जो किसी को भी सोचने पर मजबूर कर सकता है।