जयललिता के अस्पताल में भर्ती होने के लगभग एक महीने के बाद अपोलो अस्पताल ने आज कहा कि मुख्यमंत्री बातचीत कर रही हैं। उनके स्वास्थ्य में सुधार का यह महत्वपूर्ण संकेतक है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता खराब सेहत के कारण अस्पताल में भर्ती है। बावजूद इसके राज्य सरकार का कामकाज पहले की ही तरह जारी है। हालांकि कामकाज एक अनोखे ढंग से किया जा रहा है। तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता बीते कई दिनों से खराब स्वास्थ्य के चलते अस्पताल में बीमारी से जूझ रही हैं।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के 22 सितंबर से अस्पताल में भर्ती होने के कारण तमिलनाडु के राज्यपाल सी विद्यासागर राव ने आज वे सारे विभाग वित्त मंत्री ओ पनीरसेल्वम को सौंप दिये जो जयललिता के पास थे लेकिन साथ ही कहा कि अन्नाद्रमुक प्रमुख ही मुख्यमंत्री रहेंगी।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता के बेहतर स्वास्थ्य के लिए चेन्नई में अपोलो हॉस्पिटल के बाहर लोग दुआएं मांग रहे हैं। भारी संख्या में अस्पताल के बाहर जुटे लोगों ने जयललिता के जल्द ठीक होने की प्रार्थना की। बता दें कि बीते 13 दिनों से तबीयत खराब होने के चलते जयललिता अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि अपोलो अस्पताल ने कहा कि जयललिता की सेहत में ‘सुधार हो रहा’ है और एंटीबायटिक एवं अन्य क्लीनिकल उपायों को अपनाने के साथ-साथ पहले की तरह इलाज जारी है।
दिल्ली के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को चिकुनगुनिया से पीड़ित पांच और लोगों की मौत हो गई जबकि एम्स ने एक संदिग्ध मामले की पुष्टि की, जिससे राजधानी में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढकर 11 हो गई। इस रोग ने गंभीर स्वास्थ्य संकट पैदा कर दिया है।
बढ़ती उम्र के साथ त्वचा का रंग फीका और सख्त होने लगता है। त्वचा की कोमलता कम होने लगती है। इसकी वजह त्वचा में रक्त का प्रवाह कम होना है। मांसपेशियों और कोलेजन की कमी के कारण चेहरे का आकार बिगड़कर लटकने लगता है। परिणामस्वरूप त्वचा थकी और लटकी हुई दिखने लगती है और चेहरे का रंग भी फीका पड़ जाता है।
सियाचिन ग्लेशियर में कई टन बर्फ के नीचे दब जाने के बावजूद चमत्कारिक रूप से जिंदा निकाले गए लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पाड का आज निधन हो गया। कोप्पाड की तबीयत कल ज्यादा बिगड़ गई थी। उन्हें 9 फरवरी को सियाचिन में बर्फ के नीचे से निकाले जाने के बाद आर्मी रिसर्च ऐंड रेफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।
सियाचिन में हुए हिमस्खलन में भारी बर्फ के नीचे छह दिनों तक दबे रहने के बाद चमत्कारिक रूप से जीवित निकले लांस नायक हनुमनथप्पा को देखने आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आर्मी अस्पताल गए। हनुमनथप्पा को सियाचिन से विशेष एयर एंबुलेंस के जरिए दिल्ली लाया गया था।
सियाचिन ग्लेशियर में एक सप्ताह पहले बर्फ खिसकने से 30 फुट नीचे दबे रहने के बाद जीवित निकाले गए लांस नायक हनमंथप्पा कोप्पाड का दिल्ली के सैन्य अस्पताल में जीवन के लिए संघर्ष जारी है। अस्पताल के अनुसार कोप्पाड कोमा में हैं और उनकी हालत अत्यंत गंभीर बनी हुई है। अगले 24 से 48 घंटे काफी कठिन रहने का अनुमान है।
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के मुताबिक, देश के निजी अस्पतालों में सीजेरियन डिलीवरी के मामलों की संख्या सरकारी संस्थानों में होने वाली डिलीवरी की संख्या के दोगुने से ज्यादा है।