दलाल पथ स्थित बंबई शेयर बाजार में आज उस समय हाहाकार मच गया जब भारी गिरावट दर्ज करते हुए सेंसेक्स 807.07 अंक टूटकर 23,000 अंक के स्तर से नीचे आ गया। सेंसेक्स का यह पिछले 21 महीने का निचला स्तर होने के साथ ही छह महीने की सबसे बड़ी गिरावट है। आज की गिरावट से निवेशकों के 3 लाख करोड़ रुपये डूब गए।
डिजिटल इंडिया का नारा आकर्षक है। रिक्शे वाला और सब्जी विक्रेता अथवा दूर-दराज काम कर रहे मजदूर के पास भी मोबाइल फोन पहुंच गया है। सरकार गौरव के साथ कहने लगी है कि देश में एक सौ करोड़ मोबाइल फोन लोगों के हाथों में दिखने वाले हैं। इस क्रांति से लोगों को सुविधा हो रही है, लेकिन धीरे-धीरे सरकार और निजी कंपनियां गरीब लोगों की जेब अधिक खाली करने लगी है।
फरवरी से दिल्ली मेट्रो के विभिन्न स्टेशन ई-कामर्स पोर्टलों के लिए टर्मिनल के रूप में भी काम करेंगे। ये आॅनलाइन खुदरा कंपनियां अपने ग्राहकों को चुनिंदा स्टेशनों पर उत्पाद की आपूर्ति का विकल्प देंगी ताकि वे अपनी सुविधा के अनुसार वहां से सामान ले सकें।
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्टार्ट अप योजना शुरू होने के साथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि स्टार्ट अप कंपनियों को बढ़ावा देना और असहिष्णु होने में विरोधाभास है।
अपने ऐलान पर खरा उतरते हुए पूर्व क्रिकेटर और भाजपा सांसद कीर्ति आजाद में डीडीसीए में हुए कथित फर्जीवाड़े का विस्तार से खुलासा किया है। हालांकि, डीडीसीए से जुड़े इनमें से अधिकांश आरोप पहले से उजागर हो चुके हैं।
राजधानी में नए डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध के आदेश की चलते पहले से बुक वाहनों की आपूर्ति को लेकर भ्रम की स्थिति बन गई है। इससे वाहन कंपनियों को हजारों करोड़ रपये के तात्कालिक नुकसान की आशंका है। इस बारे में कंपनियों ने सरकार से गुहार लगाई है।
पिछले कई महीनों से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के मूल्यों में जारी कटौती को देखते हुए लगातार तीसरी बार विमान ईंधन यानी एटीएफ के मूल्यों में फिर से 1.2 प्रतिशत की कटौती की गई। वहीं खुले बाजार में बिकने वाली रसोई गैस (एलपीजी) के प्रति सिलेंडर मूल्य में 61.50 रुपये की वृद्धि की गई है।
आज सुबह श्रीनगर में प्राइवेट टेलीकॉम कंपनियों के दफ्तर और टावर के पास दो ग्रेनेड धमाके हुए। इन हमलों में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है लेकिन टेलीकॉम कंपनियों में दहशत पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
दुनिया की शीर्ष 500 कंपनियों की फार्च्यून पत्रिका की सूची में जहां सिर्फ 7 भारतीय कंपनियों जगह बना पाई हैं वहीं चीन की 100 कंपनियां इस सूची में शामिल हैं। बड़ी कंपनियों के मामले में चीन की तुलना सिर्फ अमेरिका से हो सकती है जिसकी 128 कंपनियां इस सूची में हैं।