भारत में भले ही 90 फीसदी लोग अपना सारा लेन-देन नगद करते हों मगर भविष्य में ऐसा करना भारी पड़ सकता है। दरअसल सरकार इसपर विचार कर रही है कि क्या नगद ट्रांजेक्शन पर किसी प्रकार का कर लगाया जा सकता है।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने आरोप लगाया है कि अमेरिका के भारत को प्रमुख रक्षा सहयोगी का दर्जा देने के फैसले से भारत, अमेरिका का जूनियर सहयोगी बन जाएगा। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि इससे भारतीय रक्षा बल और रक्षा उत्पादन अमेरिकी निगरानी और नियंत्रण के लिए उपलब्ध हो जाएंगे।
बाजार की उम्मीदों के विपरीत भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को नीतिगत दरों में कोई कमी नहीं की और उन्हें जस का तस बनाए रखा। बाजार विश्लेषकों ने कहा था कि रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति अपनी दो दिन की बैठक में अपनी फौरी ब्याज दर रेपो में कम से कम 0.25 प्रतिशत की कमी कर सकती है ताकि आर्थिक वृद्धि को बढावा दिया जा सके।
चीन नीति को लेकर ओबामा प्रशासन के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से असहमत होने के संकेत मिल रहे हैं। ओबामा प्रशासन ने कहा है कि वह लंबे समय से जारी एक चीन नीति पर अपना समर्थन दोहराने के लिए चीनी अधिकारियों के संपर्क में है।
मौद्रिक नीति पर विचार के लिए छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक कल शुरू होगी। नोटबंदी के प्रभाव को कम करने के लिए नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की कटौती की व्यापक उम्मीद के बीच यह बैठक हो रही है।
कनाट प्लेस में एक पांच सितारा होटल में लोगों के एक समूह द्वारा सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाने वाली एक अमेरिकी महिला की शिकायत पर आज बलात्कार का मामला दर्ज हुआ। पुलिस ने कहा कि कथित सामूहिक बलात्कार अप्रैल में हुआ था और बुरी तरह से आहत पीड़ित शिकायत दर्ज कराए बगैर अपने देश लौट गई थी। पिछले महीने उसने एक एनजीओ के जरिये दिल्ली पुलिस से संपर्क किया और इस मामले में जांच शुरू हुई।
यूनीसेफ स्नोफेक बॉल पुरस्कार की शाम में भले ही केटी पेरी सबसे बड़ी सम्मानित शख्सियत रही हों, लेकिन इस कार्यक्रम में यूनीसेफ की तरफ से पॉप स्टार को पुरस्कार से नवाजने के लिए अचानक पहुंचकर हिलेरी क्लिंटन ने सबसे अधिक तालियां बंटोरी। हाल ही में संपन्न हुए अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में हार का सामना करने वाली हिलेरी को अपने बीच पाकर कार्यक्रम में मौजूद दर्शक चौंक गए और सम्मान में अपनी जगहों से खड़े होकर तालियां बजाने लगे।
जर्मनी के एक इतिहासकार ने दावा किया है कि सन् 1900 की शुरूआत में अनिवार्य सैन्य सेवा करने में नाकाम रहने पर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दादा को जर्मनी से बाहर निकाल दिया गया था।