देश में गोरक्षा के नाम पर हिंसा की हालिया घटनाओं को हवाला देते हुए प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने बुधवार को कहा कि सरकार कानून बनाकर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे ताकि गोहत्या रोकने के बहाने की जाने वाली हिंसा पर रोक लग सके और समाज में भाईचारा एवं शांति बरकरार रहे।
वडोदरा शहर के बाहरी इलाके में एक फार्महाउस में शादी से पहले की हाईप्रोफाइल शराब पार्टी में छापा मारा गया और इस मामले में आईपीएल के पूर्व अध्यक्ष चिरायु अमीन समेत 260 लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अंपद गांव के निकट अखंड फार्महाउस में छापे के दौरान 1,28,950 रुपये मूल्य की शराब की 103 बोतलें और बीयर की 116 बोतलें बरामद की। इस संबंध में 125 पुरूषों और 134 महिलाओं पर मामला दर्ज किया गया है।
मुस्लिमों के साथ मजहब के नाम पर और दलितों के साथ जाति के नाम पर भेदभाव होने का दावा करते हुए प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उल उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने आज दलित और मुस्लिम समाज से एकजुट होने का आह्वान किया।
आज अजमेर में जमिअत-उलमा-ए हिंद का 33वां अधिवेशन शुरू हो गया है। यहां के काईड विश्राम स्थली में जमिअत उलमा-ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना कारी मोहम्मद उस्मान मंसूरपुरी की अध्यक्षता में जमिअत उलमा-ए हिंद के तराने के साथ जैसे ही पहली बैठक शुरू हुई, बड़ी तादाद में लोगों ने जात के नाम पर पैदा की गई दूरियों को खत्म करने की अपील के नारे दिए और एकता का संदेश दिया।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मुद्दे पर देश के तमाम मुस्लिम संगठन एक मंच पर आ चुके हैं। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि किसी भी सूरत में यूनिफॉर्म सिविल कोड मंजूर नहीं किया जाएगा। मुस्लिम संगठनों ने यहां तक कहा कि मोदी सरकार से सरहद तो संभल नहीं रही है और वह अंदरूनी जंग के लिए फिजा तैयार कर रही है।
56 मुस्लिम देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन आर्गेनाईजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआइसी) के महासचिव अयाज अमीन मदनी के कश्मीर मामले में दिए गए बयान की भारतीय उलेमाओं ने आलोचना की है। भारतीय उलेेमा और बुद्धिजीवियों के मुताबिक मदनी का यह कहना गलत है कि कश्मीर अंतरराष्ट्रीय मामला है बल्कि कश्मीर समस्या विशुद्ध रूप से भारत का आंतरिक मामला है, जिसे बातचीत से हल किया जा सकता है।
देश के मौजूदा सियासी-सामाजिक हालातों पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के सदर मौलाना सय्यद अरशद मदनी मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हैं। उनका कहना है कि कुछ मौजूदा मसलों पर सरकार ने अगर समझदारी का सुबूत न दिया,जो लोग मुल्क के हालात खराब करने की कोशिश कर रहे हैं अगर सरकार के हाथ उनकी गर्दन तक नहीं पहुंचे या उनके हौसले को न तोड़ा गया तो हालात खराब होंगे।
‘ इस्लाम की खासियत है कि वह कट्टर नहीं हो सकता है। जमीअत-उलमा-ए-हिंद उसी इस्लाम का प्रतिनिधत्व करती है। जो कट्टर है वह इस्लाम नहीं है।‘ दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह के दौरान यह बात जमीअत-उलमा-ए-हिंद के सचिव मौलाना महमूद मदनी ने कही। उन्होंने कहा कि पावन रमजान के बाद इनाम का दिन आता है और वह दिन ईद का होता है।
जमीअत-उलमा-ए-हिंद की ओर से दिल्ली में आयोजित ईद मिलन समारोह में उपराष्ट्रपति समेत देश की जानी-मानी हस्तियों ने शिरकत की। इनमें सियासतदान, धार्मिक नेता, कई मुल्कों के राजदूत और देश के गणमान्य लोग शामिल थे।