योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण को आम आदमी पार्टी (आप) की पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी (पीएसी) से निकालना अरविंद केजरीवाल गुट के गले की फांस बन गया है। केजरीवाल के करीबी मनीष सिसोदिया, गोपाल राय, संजय सिंह और पंकज गुप्ता ने यादव और भूषण को पीएसी से हटाने को लेकर सफाई दी है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के मंत्रिमंडल और आप की राजनीतिक मामलों की कमेटी में एक भी महिला क्यों नहीं हैं? नारीवादी ऐक्टिविस्ट और भारत की कम्यूनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की पोलित ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन ने यह सवाल उठाकर केजरीवाल को घेरने की कोशिश की है।
आप का एक गुट योगेन्द्र यादव और प्रशांत भूषण को इतना अपमानित करना चाहता था कि वे पार्टी छोड़कर चले जाएं लेकिन उन्होंने ऐसा न कर उस गुट के इरादों पर पानी फेर दिया। अब वही गुट मुझे भी अपमानित करने पर उतारू है। यह कहना है कि आप नेता मयंक गांधी का। उन्होंने एक और ब्लॉग लिखकर अपनी बात कही है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का आज यहां के एक प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में लगातार दूसरे दिन भी इलाज जारी रहा। 46 वर्षीय आप नेता जिंदल नेचर क्योर इंस्टीट्यूट में 10 दिनों के लिए भर्ती हुए हैं। केजरीवाल लंबे समय से खांसी से परेशान हैं। इसके अलावा उनका शर्करा स्तर भी अनियंत्रिात हो गया था।
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की आम आदमी पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से छुट्टी के बावजूद पार्टी का आंतरिक संकट खत्म होता नहीं दिख रहा। इस बार महाराष्ट्र से पार्टी के बड़े नेता मयंक गांधी ने सीधे अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है।
आप में चल रही आंतरिक कलह के बीच पार्टी के राजनीतिक विरोधियों ने आज कहा कि पार्टी का यह दावा कि वह अलग तरह का दल है गलत साबित हो गया है। विपक्षियों का कहना है कि वह भी किसी भी अन्य राजनीतिक संगठन की तरह व्यक्ति केन्द्रित संचालन से जूझ रही है।
आम आदमी पार्टी (आप) के भीतरी कलह अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। आज कार्यकारणी की बैठक से निकलने वाले फैसलों पर आगे की आप का रास्ता तय होगा। फिलहाल, पार्टी पर अरविंद केजरीवाल और उनके करीबी समूह की पकड़ मजबूत बनी हुई है।
आम आदमी पार्टी का संकट सुलझाने केलिए आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला किया गया कि योगेंद्र यादव को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी ) से हटा दिया जाए। कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी में चल रहा घमासान और बड़े नेताओं की आपसी खींचतान बुधवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले नरम पड़ती दिखाई दी। दरअसल दोनों ही खेमों के बीच सुलह के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।