राजस्थान के स्कूली पुस्तकों से जवाहर लाल नेहरू का संदर्भ हटाए जाने को लेकर छिड़े विवाद के बीच देश के प्रथम प्रधानमंत्री का नाम अब मुंबई विश्वविद्यालय की एमए की एक पुस्तक से भी गायब हो गया है।
कांग्रेस सरकार ने जब भारत रत्न सचिन तेंदुलकर और सिने अभिनेत्री रेखा को राज्यसभा का सदस्य नामजद किया था, तो भाजपा के कुछ नेताओं सहित एक वर्ग ने सवाल उठाए थे। सदन में अधिकांश दिनों उनकी अनुपस्थिति और व्यासायिक विज्ञापनों तथा रंगारंग कार्यक्रमों में भागीदारी पर भी सवाल उठने से कांग्रेस नेताओं की किरकिरी हुई।
आतंकी संगठन आईएसआईएस (इस्लामिक स्टेट) भारत में जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी में देशविरोधी नारेबाजी के बाद मचे हंगामे का फायदा उठाना चाहता था। आईएसआईएस की गतिविधियों से संबंधित एक संदिग्ध आतंकियों के राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के सामने दिए बयान के बाद इस तरह की जानकारी सामने आई।
मोदी सरकार के एक और मंत्री न्यायपालिका के सरकार के कामकाज में दखल से हताहत हैं। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बाद इस बार वित्तमंत्री अरुण जेटली ने आवाज उठाई है।
नाम में क्या रखा है, काम जरूर देखो। डिग्री बहुत बड़ी, देश के साथ विदेश की हो, नाम धनवान या गरीब खानदान से हो- असली परीक्षा परिवार-समाज और राष्ट्र को पहुंचाए गए लाभ से हो सकती है। इसी तरह विरोध की राजनीति, आंदोलन-असहमति-असहयोग और कठोर आलोचना की हो सकती है। लेकिन अब शिक्षा की डिग्री पर राजनीतिक बवाल मचाने का नया घटिया खेल शुरू हुआ है।
महाराणा प्रताप को नमन करते समय अकबर के मुकाबले बहादुरी का ज्ञान किसी को दिया जा सकता है? इसी तरह पं. जवाहरलाल नेहरू के पहले प्रधानमंत्री बनने की जानकारी दिए बना संविधान निर्माता समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर और सरदार वल्लभ भाई पटेल का स्मरण किया जा सकेगा?
अरविंद केजरीवाल को करारा जवाब देते हुए भारतीय जनता पार्टी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बीए और एमए की डिग्रीयां जारी कीं। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह और वित्त मंत्री ने डिग्री पर जवाब दिया।
भाजपा शासित राजस्थान में कक्षा 8 की नई पाठ्य पुस्तक से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का नाम हटा दिया गया है। पूर्व में प्रकाशित पुस्तक में नेहरू के बारे में लिखा गया था कि बैरिस्टर बनने के बाद उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लिया और बाद में कांग्रेस के अध्यक्ष बने तथा वह आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री भी बने।