पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर हिस्से में चलाए जा रहे सैन्य अभियान के कारण उग्रवादियों के कराची में छिपे होने की आशंका है। जिसे देखते ङुए पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी के नागरिकों से हर समय राष्ट्रीय पहचान पत्र साथ रखने के लिए कहा गया है, अन्यथा उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है।
जम्मू-कश्मीर में प्रमुख विपक्षी राजनीतिक पार्टियों और अलगाववादी समूहों ने घाटी में कश्मीरी पंडित विस्थापितों के लिए अलग टाउनशिप निर्माण के राज्य सरकार के कदम की यह कहते हुए आलोचना की कि यह लोगों को बांटेगा और इससे सुरक्षा के लिये खतरा उत्पन्न होगा।
नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस में अलग-अलग सुर सुनने को मिले। वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी ने जहां सोनिया गांधी के अध्यक्ष पद पर बने रहने की जरूरत पर जोर दिया, वहीं पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी की वकालत करते हुए कहा कि पीढ़ीगत बदलाव होना है।
राबर्ट वाड्रा के जमीन सौदों पर सवालिया निशान लगा कर सुर्खियों में आए व्हिसलब्लोअर आईएएस अधिकारी अशोक खेमका के तबादले से भाजपा में दो राय बन गई है। हरियाणा की भाजपा सरकार के दो मंत्रियों के अलग-अलग सुर हैं।
अमेरिका ने कहा है कि वैश्विक आतंकी संगठन के तौर पर अलकायदा की पहचान से निराश इसका प्रमुख ओसामा बिन लादेन समूह का नाम बदलना चाहता था ताकि इसे इस्लाम के और करीबी के तौर पर देखा जाए।
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में जीत के तमाम आंकड़ों-अनुमानों को पार कर इतिहास बनाया है। दिल्ली की जनता ने खुलकर आम आदमी पार्टी के लिए छप्पर फाड़कर वोट दिया। यह एक सुनामी है जिसने सिर्फ आठ महीने के भीतर दिल्ली से भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया। कांग्रेस का तो खाता खुलने की भी नौबत नहीं आई। नजीजे आने के बाद आम आदी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अपनी पत्नी को लोगों से मिलाया और कहा कि अगर उनकी पत्नी न होतीं तो वह वहां नहीं पहुंच पाते जहां पहुंचे हैं। जाहिर है कि पत्नी के इस परिचय के जरिये उन्होंने कहीं और निशाना साधा है।दिल्ली में बिजली वितरण कंपनियों का ऑडिट करवाना उन्होंने अपनी सरकार का पहला लक्ष्य बताया है। अरविंद केजरीवाल से आउटलुक की ब्यूरो प्रमुख भाषा सिंह की बातचीत के अंशः
हम गांव की चिंता में भटकते राहुल की चल और अचल तस्वीरें देखते हैं लेकिन अभी जानते कि गांवों को खुशहाल बनाने की उनकी नीतियां क्या हैं और वह इसके लिए कौन-कौन से कदम उठाने वाले हैं। हम गरीबों से राहुल के मेलजोल की कोशिशों के बाबत पढ़ते हैं और भरोसा करने को तैयार हैं कि वह उनकी हालत बिना किसी बिचौलिए के जानने चाहते हैं जिस देश में गरीबों के लिए बनी योजनाओं का लाभ अक्सर फर्जी गरीब उठा लेते हैं वहां अब हम जानना चाहते हैं कि राहुल सही गरीबों की शिनाख्त का कौन सा बेहतर तरीका अपनाएंगे। हम जानते हैं क अपने पिता राजीव गांधी की तरह राहुल गांधी भी चिंतित हैं कि गरीबों के लिए केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए प्रत्येक रुपये में सिर्फ 15 पैसे उन तक पहुंचते हैं लेकिन हमारी अब यह जानने की भी अपेक्षा है कि विचौलियों द्वारा चट हो रहे बाकी के 85 पैसे राहुल गरीबों तक कैसे पहुंचाएंगे। हम जानते हैं कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार योजना को राहुल गांधी अपनी यूपीए सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं और उसे पूरे देश में फैलाना चाहते हैं, शहरों मे भी, लेकिन हम यह भी जानना चाहते हैं कि वह इस योजना में व्यापक धांधली कैसे रोकेंगे, कैसे सुनिश्चित करेंगे कि सही लोगों को जॉब कार्ड मिले, काम पर आए मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी मिल पाए और इस योजना के जरिये गांवों में पक्के आधारभूत ढांचे भी बन पाएं।