मद्रास उच्च न्यायालय ने खुद को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता का गोपनीय बेटा बताने वाले को फटकार लगाते हुए उसके द्वारा जमा कराये गये दस्तावेजों की प्रमाणिकता पर सवाल उठाये।
सुप्रीम कोर्ट ने शराब के कारोबारी विजय माल्या द्वारा न्यायालय में घोषित अपनी संपत्ति के बारे में अनेक तीखे सवाल पूछे। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति उदय यू ललित की पीठ ने माल्या से जानना चाहा कि क्या वह भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह के इन आरोपों के बाद पूरी तरह ईमानदार रहा कि उसने कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश का पूरी तरह उल्लंघन करते हुए अपने तीन बच्चों के नाम 40 मिलियन अमेरिकी डालर हस्तांतरित किए है।
नोटबंदी के बाद देश में अरबपतियों की संख्या में 11 फीसदी की कमी आई है, लेकिन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू के बेटे लोकेश नारा की संपत्ति 23 गुना बढ़ गई है।
कभी वी के शशिकला के समर्थक रहे तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के भतीजे दीपक जयकुमार ने कहा है कि शशिकला का मुख्यमंत्री बनना तमिलनाडु की जनता को स्वीकार नहीं था। जयकुमार का दावा है कि दिवंगत अन्नाद्रमुक प्रमुख ने अपनी संपत्ति उनके और उनकी बहन के नाम की है।
दिवंगत नेता जे जयललिता के 69वीं जयंती के एक दिन पहले अन्नाद्रमुक महासचिव वीके शशिकला ने आज कहा कि वह अपनी दोस्त जयललिता की अनुपस्थिति में अकेला महसूस कर रही हैं।
महाराष्ट्र भाजपा ने शिवसेना की चुनौती को स्वीकार करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की संपत्ति घोषित कर दी है। इसके साथ ही पार्टी ने शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे की संपत्ति सार्वजनिक करने की मांग की है।
शिवसेना ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह और अन्य शीर्ष पार्टी नेताओं की संपत्ति सार्वजनिक करने और उद्धव ठाकरे की संपत्ति और वित्त की जांच कराने की चुनौती दी।
अन्नाद्रमुक की दिवंगत सुप्रीमो जे जयललिता, उनकी करीबी सहयोगी वी के शशिकला और दो अन्य की ओर से इकट्ठा की गई 55 करोड़ रूपए की संपत्तियों में 2.51 करोड़ रूपए के सोने एवं हीरे के गहने और 15.9 लाख रूपए की कलाई घड़ियां शामिल थीं।
मध्यप्रदेश में चल रहे अवैध खनन को लेकर कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला किया है। कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सिंह 11 सालों में प्रदेश में खेती को तो लाभ का धंधा नहीं बना पाए लेकिन उन्होंने रेती (रेत) को लाभ का धंधा अवश्य बना दिया है।
एक ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तराखंड में दोबारा चुनाव लड़ रहे 60 विधायकों की संपत्ति में पिछले पांच सालों में औसतन 1.77 करोड़ रूपये का इजाफा हुआ है। भाजपा के 29 विधायकों की संपत्ति में औसतन दो करोड़ रूपये से अधिक का इजाफा हुआ वहीं कांग्रेस के 28 विधायकों की संपत्ति में एक करोड़ रूपये से अधिक की वृद्धि हुई।