भाजपा हाईकमान ने पंजाब में बड़ा फेरबदल करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री होशियारपुर से सांसद विजय सांपला को नया प्रदेशाध्यक्ष बनाया है। हालांकि प्रदेशाध्यक्ष की इस दौड़ में अविनाश रॉय खन्ना, अश्वनी शर्मा और नवजोत सिंह सिद्धू भी थे।
सोमवार को कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। पार्टी प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि पिछले 22 महीने में जो सरकार की नाकामियां रही हैं, जो असफलता रही है उसके ऊपर पर्दा डालने के लिए एक फर्जी बहस राष्ट्रवाद पर सरकार ने शुरु कर दी है।
पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस रणनीति बनाने में जुट गई है। इसी क्रम में पार्टी ने पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और चुनाव प्रबंधन के विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के साथ मुलाकात की। वहीं पार्टी प्रवक्ता और पूर्व सांसद मनीष तिवारी को बैठक से दूर रखा गया।
अगर शेर, बाघ और अन्य पशु बोलने लगें तो क्या होगा। शायद वह यही कहें, प्लीज हमें बक्श दो। मध्य प्रदेश के कार्टूनिस्ट हरिओम तिवारी ने बाघों पर आधारित कार्टून बनाए और टाइगर स्पीक नाम से दिल्ली में लोगों तक यह बात पहुंचाने की कोशिश की कि उन्हें भी चैन चाहिए हमारी तरह।
देश में सरकार की चौतरफा हो रही आलोचना के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली जब वर्ष 2016-17 का बजट प्रस्तुत करने 29 फरवरी को लोकसभा में खड़े हुए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी सरकार दम साधे यह देख रही थी आखिर यह बजट उन्हें जनता के बीच खड़े होने का भी मौका देगा या नहीं। लेकिन जेटली सब तय करके बैठे थे और उन्होंने बजट भाषण की शुरुआत ही इन पंक्तियों से करके अपने इरादे जता दिए थे:
'कश्ती चलाने वाले ने जब हार के दी पतवार हमें
लहर-लहर तूफान मिले और मौज-मौज मंझधार हमें
फिर भी दिखाया है हमने और फिर ये दिखा देंगे सबको
इन हालात में आता है दरिया पार करना हमें
एक निजी कंपनी द्वारा 251 रुपये में स्मार्ट फोन उपलब्ध कराने की योजना को मेक इन इंडिया की बजाय मेक इन फ्रॉड करार देते हुए कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने इस योजना को लांच करने के अवसर पर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति पर कड़ा एतराज जताया और सरकार से इस बारे में जवाब देने को कहा।
साहित्य अकादमी के साहित्योत्सव में ‘गांधी, आंबेडकर, नेहरू: निरंतरता तथा अलगाव’विषय पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारतीय इतिहास और संस्कृति की प्रख्यात अध्येता कपिला वात्स्यायन ने अपनी बात रखी।
पूर्वोत्तर के बारे में मैं कहना चाहूंगा कि असम एक ऐसा राज्य है, जहां अस्थिरता रही है। 70 के दशक में वहां भारी हंगामा रहा और 80 का दशक आते-आते हंगामा बढ़ता रहा। उसके समाधान के लिए, वहां लोकतंत्र लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने जो कदम उठाए वह आज तक किसी ने नहीं उठाए। सन 1985 में वहां हंगामा करने वालों की जीत हुई थी, उन्होंने सरकार चलाने की कोशिश की लेकिन उन्होंने असम को बरबाद करके छोड़ दिया। उनमें हुकूमत बनाए रखने की क्षमता नहीं थी। लेकिन यह लोकतंत्र है, यहां जो जनता चाहेगी उसी की सरकार बनेगी। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर वोट मिलेंगे। आखिरकार जनता ने सही सरकार चुनी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के नेता मनीष तिवारी ने वर्ष 2012 में सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली कूच करने की खबर को सच बताकर सियासी विवाद खड़ा कर दिया है। हालांकि, इस मुद्दे पर वह अपनी ही पार्टी में अकेले पड़ते जा रहे हैं।