नीति आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने आयोग के सदस्य विवेक देवराय पर एक तरह से कटाक्ष करते हुए हुए कहा कि शब्दों के गलत चयन से कभी कभी बड़ी खबर बन जाती है।
उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को फतेहपुर में रैली की तो अखिलेश यादव और कांगेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने झांसी में एक साथ जनसभा को संबोधित किया। झांसी में दोनों युवा नेताओं ने प्रधानमंत्री पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर करारा प्रहार करते हुए कहा कि यूपी चुनाव के बाद प्रधानमंत्री 2019 तक उत्तर प्रदेश का नाम लेंगे।
किसी भी शब्द की लोकप्रियता 14 साल अवधि में बढ़ती और घटती है। एक अध्ययन में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने कहा कि लंबे समय तक जीवित रहने वाले कुछ लोगों ने पाया कि कुछ शब्द बहुत लोकप्रिय होते थे, लेकिन कुछ समय के बाद उनकी लोकप्रियता खत्म हो गई।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ उत्तर प्रदेश के चंदौली की एक अदालत में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई है। यह शिकायत राहुल की उस टिप्पणी को लेकर की गई है जिसमें उन्होंने लक्षित हमलों को लेकर अपने बयान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए दलाली शब्द का इस्तेमाल किया था।
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामी आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल नहीं करने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा है कि यह एक तरीके से गढ़ा गया मुद्दा है। उन्होंने कहा कि लोगों की जान लेने वालों के साथ इस्लाम को जोड़ने के पीछे कोई धार्मिक तर्क नहीं है।
बचपन सभी का सुनहरा होता है। इसी बचपन की यादों का पिटारा जब शब्दों में सहेज लिया जाता है तो किताब बन जाता है। ऐसी ही एक किताब है आर के नारायण की। उनके बचपन के संस्मरणों पर आधारित इस किताब का नाम है, मेरी जीवन गाथा।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या में आरएसएस की भूमिका पर दिए अपने बयान से यू-टर्न लेने की बात को खारिज करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वह आरएसएस के विभाजनकारी एजेंडा के खिलाफ लड़ाई जारी रखेंगे औऱ अपने कहे हर शब्द पर आज भी कायम हैं।
पाकिस्तान में पवित्र हिंदू शब्द ओम लिखी चप्पलें बेचने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। देश के अल्पसंख्यक समुदाय के विरोध के बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने जूतों को भी जब्त कर लिया।
मानवाधिकार समूह द ह्यूमन राइट्स वाच (एचआरडब्ल्यू) ने कहा है कि भारत राजद्रोह और आपराधिक मानहानि जैसे अस्पष्ट शब्दों वाले कानूनों का इस्तेमाल नियमित रूप से असंतोष को दबाने के लिए राजनीतिक हथियार के तौर पर करता है। एचआरडब्ल्यू ने सरकार से अनुरोध किया है कि वह ऐसे कानूनों को रद्द करे जिनका इस्तेमाल शांतिपूर्ण अभिव्यक्ति को गैरकानूनी घोषित करने के लिए किया जाता है।