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आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

आजाद हिंदुस्तान में महिलाओं की कानूनी बेड़ियां | इंदिरा जयसिंह

अगर आजादी का मतलब विदेशी हुकूमत से आजादी है तो वह यकीनन हमने हासिल कर ली। लेकिन सवाल यह है कि क्या महिलाओं को परंपराओं-मान्यताओं की जकड़न से आजादी मिली ? या पुराने पड़ चुके कानूनों ने उन्हें दूसरे तरह की जकड़न में बांध दिया है, आजाद हिंदुस्तान के कानूनों की बेड़ियां ?
नाबालिग बलात्कार पीड़िता का 25 सप्ताह का गर्भ गिराया

नाबालिग बलात्कार पीड़िता का 25 सप्ताह का गर्भ गिराया

कानून के अनुसार 20 सप्ताह से उपर के गर्भ को गिराने की अनुमति नहीं है। हालांकि शीर्ष अदालत ने 14 वर्षीय लड़की और उसके परिवार को राहत देते हुए 25 हफ्ते का भ्रूण गिराने की अनुमति दे दी।
नाबालिग बलात्कार पीड़िता के गर्भपात से आगे के सवाल

नाबालिग बलात्कार पीड़िता के गर्भपात से आगे के सवाल

बलात्कार पीड़ित नाबालिग मां के बच्चे के जन्म लेने के बाद परिवार, समाज या कानून से उसे ऐसी व्यवस्था नहीं मिल पाती, जिसमें बच्चा आवश्यक जरूरी सुविधाओं के साथ पल-बढ़ सके। बल्कि वह सबके लिए एक बोझ सरीखा बन जाता है। अहमदाबाद की बच्ची को कानून से थोड़ा छूट देते हुए 25 सप्ताह के गर्भपात की इजाजत जरूर मिलनी चाहिए थी, और मिली भी। यहीं पर इस तरह के तमाम सवाल कानून के दायरे में रहकर जवाब मांगते हैं।
अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

अहमदाबाद में रथयात्रा और ईद का उल्‍लास

सुरक्षा एजेंसियों की भारी चौकसी के बीच शहर में आज भगवान जगन्नाथ की 138 वीं रथयात्रा और ईद उल फित्र का त्योहार मनाया गया। ये दोनों त्योहार 30 वर्ष बाद संयोग से एक ही दिन मनाये गये। धूमधाम से शुरू हुई इस रथयात्रा में हजारों श्रद्धालुओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
मलेशिया में विवेकानंद आश्रम पर उहापोह

मलेशिया में विवेकानंद आश्रम पर उहापोह

मलेशिया में स्थित सौ साल पुराने विवेकानंद आश्रम को राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिया जाए या नहीं यह संभवत: अगले हफ्ते तय होगा। स्वामी विवेकानंद का यह आश्रम लगभग सौ साल से भी पुराना है। आश्रम का न्यास मंडल राष्ट्रीय विरासत का दर्जा दिए जाने का प्रस्ताव दो बार ठुकरा चुका है। इससे पहले मलेशिया सरकार ने यहां ब्रिकफील्ड्स में स्थित 110 साल पुरानी इस इमारत को विरासत स्थल का दर्जा देने की अधिसूचना जारी करने की योजना बनाई थी। लेकिन आश्रम का न्यासमंडल इस प्रस्ताव को दो बार ठुकरा चुका है।
चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
वसुधैव कुटुम्बकम

वसुधैव कुटुम्बकम

लव जिहाद के नाम पर हिन्दू और मुसलमान के बीच जहां कुछ लोग वैमनस्य फैलाने में जुटे हैं, वहीँ महात्मा गांधी के दक्षिण अफ्रीका दिनों के साथी इमाम अब्दुल कादर बवाज़िर के खानदान के सदस्य पिछली चार पीढ़ी से संप्रदाय और धर्म के बंधनों को तोड़ कर 'वसुधैव कुटुम्बकम' के सिद्धांत को अपने जीवन से प्रस्थापित कर रहे हैं।
पाबंदियों का देश

पाबंदियों का देश

भारत में भारत की बेटियों (इंडियाज डॉटर्स) पर बनी फिल्म देखना चाहे तो नहीं देख सकते, इस पर प्रतिबंध है। महाराष्ट्र में कोई गौ-मांस से बनी कोई डिश खाना चाहे, वह नहीं खा सकता, उसे बेचना चाहे नहीं बेच सकता-इस पर प्रतिबंध है। केरल या गुजरात में शराब का सेवन करना चाहे नहीं कर सकते, इस पर प्रतिबंध है।