मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में आतंकियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में क्षेत्रीय सेना के चार जवान घायल हो गए। पुलिस ने आज यह जानकारी दी। घायल जवानों में से दो की हालत गंभीर है और उन्हें भारतीय वायुसेना के हैलीकॉप्टर के जरिए लेमाखोंग स्थित सेना के अस्पताल ले जाया गया है।
देश में नक्सली अभी भी सबसे खतरनाक बने हुए हैं। अरातकतावादी माओवादी संगठनों ने पिछले साल आईईडी और दूसरे घातक हथियारों के उपयोग से सबसे ज्यादा सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों की जान ली। नक्सलियों ने साल 2016 में सबसे ज्यादा आईईडी धमाके किए।
बिहार के औरंगाबाद के सोनदाहा जंगल में छानबीन को गए पुलिस और कोबरा बटालियन के जवानों पर नक्सलियों ने हमला कर दिया। लैंड माइन आईईडी विस्फोट में कोबरा बटालियन के 10 कमांडो शहीद हो गये। शहीद हुए कमांडो 205 कोबरा बटालियन के कमांडो थे। घटना सोमवार की देर रात की है।
अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई भारत में काम कर रही है। चौंकने की जरूरत नहीं है, एफबीआई ने आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले विस्फोटकों इंप्रोवाइस्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से निबटने के लिए भारत में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) से हाथ मिलाया है।