अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने भारत में बाजार को और अधिक दक्ष बनाने के लिए पुरानी बुनियादी अड़चनों को दूर किए जाने की सिफारिश की है। आईएमएफ ने यह भी कहा है कि भारत में नोटबंदी के कारण हुई उथल-पुथल के बाद अर्थव्यवस्था में फिर तेजी लौटेगी तथा देश की वृद्धि दर 2017-18 में 7.2 प्रतिशत और 2018-19 में 7.7 प्रतिशत तक पहुंच पहुंच सकती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा कि एक जुलाई से लागू होने वाले महत्वाकांक्षी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से भारत की मध्यावधि वृद्धि को आठ फीसदी से ज्यादा का आंकड़ा पार करने में मदद मिलेगी। आईएमएफ ने कहा कि साथ ही कर प्रणाली में किए जा रहे इस सुधार के भविष्य में उच्च वृद्धि के लिहाज से फायदेमंद साबित होने की उम्मीद है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने आज कहा कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बड़े आर्थिक फैसले के बाद आज इसका (नोटबंदी) का असर समाप्त हो रहा है। इसके साथ ही उसने अप्रचलित नोटों की जगह पर नई मुद्रा तेजी से प्रचलन में लाने पर जोर दिया है ताकि लेन-देन बढ़े।
भारत में नोटबंदी से नकदी की गंभीर समस्या पैदा हुई और इससे उपभोग बुरी तरह प्रभावित हुआ। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष के एक अधिकारी ने कहा कि नोटबंदी ने नकदी को वैक्यूम क्लीनर की तरह सोख लिया। अब धीमी रफ्तार से नकदी को बदला जा रहा है।
फ्रांस की अदालत ने आज अंतरराष्टीय मुद्राकोष (आईएमएफ) की प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्द को फ्रांस का वित्त मंत्री रहते एक उद्योगपति को बड़ी राशि का भुगतान किये जाने के मामले में लापरवाही बरतने का दोषी ठहराया। हालांकि, उन पर कोई जुर्माना नहीं होगा और न ही जेल की सजा होगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) के मुख्य अर्थशास्त्री मौरिस ऑब्स्टफेल्ड ने आज आर्थिक ताकतों के जटिल जोड़ के बीच भारत को एक उम्मीद की किरण बताया। हालांकि, इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस प्रगति के बावजूद सरकारी बैंकों की बढ़ती गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) चुनौती है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने आज कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के लागू होने से मध्यम अवधि में देश की आर्थिक वृद्धि को गति मिलेगी। बहुपक्षीय संगठन ने यह भी कहा है कि भारत ने सुधारों के मोर्चे पर प्रगति दिखायी है और इससे व्यापार निवेश में उल्लेखनीय सुधार हो सकता है।