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'मोदी की सफलता मतलब भारत की सफलता’

'मोदी की सफलता मतलब भारत की सफलता’

सिंहस्थ की कामयाबी से गदगद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वहां ड्यूटी करने वाले सरकारी मुलाजिमों को इनाम और मैडल से नवाज रहे हैं। मोदी के पदचिन्हों पर चलते हुए शिवराज अगले छह महीनों में दो बड़े आयोजनों की तैयारी में जुट गए हैं। इंदौर में अक्टूबर में ग्लोबल इन्वेस्टर मीट और दूसरा, नवंबर से नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से नर्मदा बचाने के लिए पदयात्रा। अपनी उज्जैन यात्रा के दौरान आउटलुक के साथ बातचीत में शिवराज ने बेबाकी से जवाब दिए। पेश है राजेश सिरोठिया से उनकी बातचीत के संपादित अंश:
लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

लकीर बड़ी करने में विश्वास : डॉ. रमन सिंह

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को 12 साल से सत्ता में बने हुए हैं और अगले विधानसभा चुनाव की तैयारी में दमखम से जुटे हुए हैं। राजनीतिक समीकरणों पर उनकी निगाह है। अरसे से उन्होंने विकास कार्यक्रमों को अपना कारगर हथियार बना रखा है। नक्सली हिंसा के मुकाबले के लिए भी वे जनता से सीधा संवाद और विकास योजनाओं के सूक्ष्म स्तर तक क्रियान्वयन को सटीक फार्मूला मानते हैं। पार्षद से मुख्यमंत्री तक का सफर तय करने वाले रमन सिंह को जनता की नब्ज सटीक तौर पर समझने-परखने वाला नेता माना जाता है। छत्तीसगढ़ में अभी हाल उन्होंने `लोक सुराज यात्रा' का अभियान शुरू किया है। छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के इलाकों के दौरे में डॉ. रमन सिंह के साथ आउटलुक के समाचार संपादक दीपक रस्तोगी ने लंबी बातचीत की। प्रस्तुत हैं प्रमुख अंश :
‘पंजाबी नहीं था इसलिए जेटली ने दिल्ली से नहीं लड़ने दिया’

‘पंजाबी नहीं था इसलिए जेटली ने दिल्ली से नहीं लड़ने दिया’

मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में नामित किए गए सुब्रह्मण्यम स्वामी लंबे समय से गांधी परिवार को निशाना बना रहे हैं और राज्यसभा में अपनी नई पारी में भी उनके तेवर वैसे ही हैं। कांग्रेस के नेता उनके बयानों से लगातार असहज होते रहे हैं मगर अब बारी शायद खुद भारतीय जनता पार्टी की है।
अपने नेतृत्व की समस्याओं की वजह से कांग्रेस उतार पर: जेटली

अपने नेतृत्व की समस्याओं की वजह से कांग्रेस उतार पर: जेटली

वित्तमंत्री अरूण जेटली ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर परोक्ष हमला करते हुए कहा है कि अपने नेतृत्व की समस्याओं के चलते कांग्रेस उतार पर है। साथ ही जेटली ने कांग्रेस की तुलना पुराने पड़ चुके कार निर्माता से की जो एकाधिकार की वजह से पहले जमा हुआ था लेकिन अब नहीं है।
राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

राजकोषीय घाटा नहीं, मांग बढ़ाने की चिंता जरूरी: प्रो. अरुण कुमार

जाने-माने अर्थशास्त्री और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सेवानिवृत प्रोफेसर अरुण कुमार देश में मौजूदा आर्थिक हालात को वैश्विक आर्थिक सुस्ती की देन मानते हैं। उनका यह भी मानना है कि हर सरकार राजकोषीय घाटा कम करने के लिए ही चिंतित रहती है और उसी मुताबिक बजट बनाकर किसी लक्ष्य तक पहुंचने में विफल रहती है। इसे वह गलत धारणा मानते हैं। आउटलुक के राजेश रंजन से बातचीत में उन्होंने रोजगार, घरेलु मांग, विकास दर आदि बढ़ाने पर जोर दिया।
चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

चर्चा : संवाद बिना नहीं संसद। आलोक मेहता

लोकतंत्र में असहमति् और प्रतिपक्ष अपरिहार्य है। भारी बहुमत के बावजूद सत्तारूढ़ पक्ष को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मंत्री या अधिकारी निरंकुश न हो जाएं। इस दृष्टि से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संसद के बजट सत्र से पहले प्रतिपक्ष के नेताओं के साथ्‍ा बैठक की सही पहल की है।
इंदिरा जैसा हो सकता है मोदी सरकार का हाल: यशवंत सिन्‍हा

इंदिरा जैसा हो सकता है मोदी सरकार का हाल: यशवंत सिन्‍हा

वरिष्ठ भाजपा नेता यशवंत सिन्हा ने आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथ लेते हुए आरोप लगाया कि इस सरकार में कोई संवाद नहीं हो रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस सरकार का हाल इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस की उस सरकार की तरह हो सकता है जिसे आपातकाल के बाद मुंह की खानी पड़ी थी।
आतंकवाद एक कैंसर, तीखी छुरी से करना होगा इलाज: राष्ट्रपति

आतंकवाद एक कैंसर, तीखी छुरी से करना होगा इलाज: राष्ट्रपति

राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 67वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र के नाम अपने संदेश में आगाह किया कि निर्णय और कार्यान्वयन में विलंब से विकास की प्रक्रिया का ही नुकसान होगा। अपने संबोधन में राष्ट्रपति ने हाल ही में पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर हुए आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि असहमति दूर करने का एक सभ्य तरीका संवाद है जो सही तरह से कायम रहना चाहिए लेकिन हम गोलियों की बौछार के बीच शांति पर चर्चा नहीं कर सकते।
मंदिर निर्माण के लिए संवाद जरूरी

मंदिर निर्माण के लिए संवाद जरूरी

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की चर्चा भर से बुद्धिजीवियों एवं राजनीतिज्ञों का एक वर्ग छद्म आक्रोश व्यक्त करने लगता है। ऐसा ही तब हुआ जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहन भागवत ने विश्व हिंदू परिषद के नेता अशोक सिंघल की श्रद्धांजलि सभा में राम मंदिर निर्माण के संकल्प को दोहराया। फिर क्या था। संघ पर सांप्रदायिकता, ध्रुवीकरण, न्यायालय की अवहेलना जैसे आरोप मढ़ दिए गए।
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