बड़े अफसर आकाओं ने ऐलान कर दिया है कि सरकार अब भारतीय मुद्रा रुपये के नगदी खर्च पर सेस के रूप में अतिरिक्त कर वसूलने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द निर्णय हो सकता है। संभव है यह कर दो-चार प्रतिशत ही हो। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि दुनिया में महान भारत अकेला ऐसा देश होगा, जहां ‘नगद नारायण’ को प्रणाम करने के बजाय यथासंभव दूर रखने में अपना कल्याण समझेंगे।
पश्चिमी देशों की तरह भारत में क्रिकेट के धंधे में शामिल दादा लोग बोतलबंद पानी, जूस या विदेशी ब्रांड शराब पसंद करते हैं। क्रिकेट खेल की सर्वोच्च संस्था बीसीसीआई में कुछ उस्ताद ऐसे भी होंगे, जिन्होंने कभी गांव के कुएं, तालाब या नाले के किनारे किसी तरह पानी को निकालते या ले जाते लोगों के दर्शन ही नहीं किए। उन्हें पानी की कीमत का अंदाज नहीं है।
नेता, अफसर, शीर्ष उद्योगपति, डॉक्टर और आरोप सिद्ध होने पर स्वयं न्यायाधीश तक को सुप्रीम कोर्ट के समक्ष नतमस्तक होकर न्यायिक आदेश का पालन करना होता है। लेकिन भारतीय क्रिकेट के आका मोटी चमड़ी वाले हैं। वे सुप्रीम कोर्ट के सामने भी बल्लेबाजी कर रहे हैं।