संविधान का अनुच्छेद 124 मूल रूप से यह कहता है, 'सुप्रीम कोर्ट के हर जज की नियुक्ति राष्ट्रपति सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के संबंधित जजों से सलाह-मशविरे से करेंगें जिसमें भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) से हमेशा सलाह ली जाएगी। जजों की नियुक्ति एवं तबादले में किसकी चलेगी इसे लेकर न्यायपालिका और कार्यपालिका में 1980 के दशक से ही जोर-आजमाइश चल रही है।
भाजपा नरेंद्र मोदी सरकार की एक साल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए पूरे देश में कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है। वहीं कांग्रेस देश भर में मोदी सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही है।
उपराज्यपाल के खिलाफ अपनी जंग को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ले जाते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को उनसे कहा कि शहर की सरकार को स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।
बाज़ार को बेचने हैं सौंदर्य को बढ़ाने वाले संसाधन इसलिए ‘च्वाइसेस’ या विकल्पों की बात हो रही है। लेकिन मुझे परेशानी इस बात से ज्यादा है कि वही स्त्री जब भारत के सड़कों, गलियों, खेतों, खलिहानों, कस्बों में बलत्कृत, क्षत-विक्षत मृत शरीर के रूप मे पाई जाती है। तब ना आपको उस पर बात करने से गुरेज है और ना उसका छायांकन करने में। लेकिन वही स्त्री जीवित अवस्था में अपने उसी शरीर पर हक की बातें करती है तो आपको 'परिवार व्यवस्था' से लेकर 'स्त्री देवी' के भ्रम के टूटने की धमक सुनाई देने लगती है।
लोक सभाध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि मीडिया के लिए स्व नियमन सर्वश्रेष्ठ नीति है क्योंकि किसी भी अन्य प्रकार का नियमन चाहे यह कानून के द्वारा लागू हो या दिशा निर्देशों के द्वारा, इसे सरकार की ओर से दबाव और सेंसरशिप के संदेह के तौर पर देखा जाता है।
दिल्ली में जश्ने-बहार न्यास के इस कार्यक्रम की सफलता ही यह है कि पूरे साल श्रोता इस कार्यक्रम का इंतजार करते हैं। देश-विदेश से आए उर्दू अदब शायर इस कार्यक्रम में चार चांद लगा देते हैं।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान के बारे में फेसबुक पर कथित तौर पर आपत्तिजनक बयान पोस्ट करने के कारण उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66ए के तहत एक लड़के को गिरफ्तार करने का मामला चर्चा में है।
सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने अपनी नई कम्यूनिटी गाइडलाइंस जारी की है। इन गाइडलाइंस के मुताबिक घोषित तौर पर अस्वीकृत सामाजिक व्यवहार पर अंकुश लगाने की तैयारी है। इनमें नग्नता, हिंसा, नफरत फैलाने वाले संदेशों और विवादास्पद मुद्दों पर रोक लगाने की बात कही गई है। लेकिन फेसबुक ने ये गाइडलाइंस दुनियाभर के सत्ता प्रतिष्ठानों की तरफ से पड़ने वाले दबावों के बाद जारी की हैं। इनका खतरा यह है कि विभिन्न सरकारें जिन संदेशों को अपने हित में नहीं पाएंगी उनको रोकने की कोशिश कर सकती हैं।