प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कराची में शिया इस्माइली समुदाय को निशाना बनाकर किए गए हमले की निंदा की है और कहा है कि दुख की इस घड़ी में भारत पाकिस्तान की जनता के साथ दृढ़तापूर्वक खड़ा है।
पश्चिम बंगाल में आज एक लोकल ट्रेन में हुए विस्फोट के पीछे आतंकी साजिश होने के संदेह की ओर इशारा करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने हादसे की किसी केंद्रीय एजेंसी से जांच कराने की मांग की।
गुजरात के अक्षरधाम मंदिर में आतंकी हमले के इल्जाम से बरी हुए मुफ्ती अब्दुल कयूम ने अपने दर्द को किताब के जरिए बताया है। '11 साल जेल में' शीर्षक से लिखी गई इस किताब में कयूम ने पुलिस प्रताड़ना से लेकर सामाजिक बुराइयों के बारे में विस्तार से लिखा है।
मई 2011 में मारे जाने से कुछ माह पहले अल कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन अपना पूरा ध्यान अमेरिका के महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर हमला बोलने पर केंद्रित कर रहा था।
भारतीय उपमहाद्वीप में आतंकवादी संगठन अलकायदा की शाखा के जिस आतंकवादी को आतंकवादियों के बीच एक उभरते सरगना के रूप में देखा जा रहा था, वह जनवरी में पाकिस्तान में हुए अमेरिकी ड्रोन हमले में मारा गया था।
पाकिस्तान की जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता सबीन महमूद की कराची में गोली मार कर हत्या कर दी गई है। सबीन पर अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला किया जब वे बलूचिस्तान में अपहरण और कथित उत्पीड़न पर आयोजित एक सेमिनार का संचालन करके अपनी मां के साथ घर लौट रहीं थीं।
वर्ष 2008 के मुंबई हमले में अपनी भूमिका को लेकर अमेरिका में 35 साल की कैद भुगत रहे लश्कर ए तैयबा के पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी आतंकी डेविड हेडली ने जेल में अपना संस्मरण लिखा है। इसमें उसने लश्कर से अपने जुड़ाव और मुंबई तथा डेनमार्क हमले की तैयारियों के बारे में लिखा है।
एक बार फिर आइएसआइएस के सरगना अल-बगदादी के बुरी तरह घायल होने की खबर आई है। कहा जा रहा है कि बगदादी आजकल आतंकी संगठन का कामकाज को नहीं देख रहा है। क्या वाकई दुनिया का सबसे कुख्यात आतंकवादी अबु बक्र अल बगदादी मरने के कगार पर है? आइएसआइएस में नया नेता चुनने की भी अटकलें लगाई जा रही हैं।
पाकिस्तान के पश्चिमोत्तर हिस्से में चलाए जा रहे सैन्य अभियान के कारण उग्रवादियों के कराची में छिपे होने की आशंका है। जिसे देखते ङुए पाकिस्तान की वित्तीय राजधानी के नागरिकों से हर समय राष्ट्रीय पहचान पत्र साथ रखने के लिए कहा गया है, अन्यथा उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है।
जिस दिलेरी से नीरजा भनोत ने आतंकवादियों का सामना किया वह आज भी काबिल ए तारीफ है। वह अकेली और निहत्थी आतंकवादियों से डरे बिना सारे यात्रियों को बाहर निकालने में जुट गई थीं। जिस फ्लाइट में वह अटेंडेट थीं उसका आतंकवादियों ने अपहरण कर लिया था। अब उन्हीं के जीवन पर फिल्म बन रही है।