केंद्र में मोदी सरकार के तीन साल की उपलब्धियां गिनाने झारखंड पहुंचे भाजपा नेता एक बार फिर से सुर्खियों में आ गए हैं। चर्चा में आने की वजह कोई और नहीं बल्कि नेताओं का आदिवासी के घर पहुंचकर खाना बाहर से मंगवाकर खाना है।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इन दिनों अपने दौरे और लंच को लेकर काफी सुर्खियां बटोर रहे हैं। लेकिन उनके ऐसे कार्यक्रमों से विपक्षी दल उनकी तारीफ नहीं बल्कि किरकरी कर रहे हैं।
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के पश्चिम बंगाल दौरे के समय भोजन कराने वाली नक्सलबाड़ी निवासी गीता और उसके पति राजू ने आज तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया है। हालांकि, भाजपा ने इस मामले में टीएमसी पर आदिवासी दंपती का अपहरण कर जबरन पार्टी में शामिल किए जाने का आरोप लगाया है।
साठ के दशक में बंगाल के जिस नक्सलबाड़ी इलाके से पनपा उग्र वामपंथ सोमवार को सीआरपीएफ के 25 जवानोंं की मौत का कारण बना, वहां आज भाजपा अध्यक्ष अमित शाह एक आदिवासी के घर खान खाते नजर आए।
राष्ट्रीय मुस्लिम मंच के करीब 50 समर्थक आजम खान राष्ट्रवादी की अगुवाई में अचानक अयोध्या पहुंचे, जहां उन्होंने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए और जल्द से जल्द राम मंदिर बनवाने की अपील की। मुसलिम समाज के विभिन्न क्षेत्रों से लोग गुरुवार शाम को अयोध्या पहुंचे और जुलूस की तरह सड़क पर ‘मुसलमानों हक और ईमान के साथ आओ, श्रीराम मंदिर का निर्माण कराओ’ के नारे लगाने लगे।
अनुसूचित जनजाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष नंदकुमार साय ने आज कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों को आर्थिक और अन्य तरह का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इसे रोकने के लिए एक कानून लाना चाहिए और धर्मान्तरित आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाएं समाप्त की जानी चाहिए।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भाकपा ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कथित मीटबंदी को राजनीतिक उद्देश्यों के लिये एक वर्ग विशेष के विरुद़ध अभियान करार देते हुए कहा कि सरकार को इस दुर्भावनापूर्ण कदम में सुधार करना चाहिये।
मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थान्हवला ने कहा कि राज्य सरकार त्रिपुरा के राहत शिविरों में रह रहे उन ब्रू शरणार्थियों की वापसी का स्वागत करेगी जो राज्य के प्रामाणिक निवासी हैं।
साहित्य अकादेमी स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में प्रस्तुत ‘प्राचीन भारतीय साहित्य में प्रेम और प्रार्थना’ विषयक व्याख्यान में कवि-भाषाविद् एवं अकादेमी के महत्तर सदस्य सीताकांत महापात्र ने पूर्वोत्तर भारत के छः आदिवासी भाषा समूह - संथाल, उराव, मुंडा, कोंड आदि के आधार पर कहा कि प्रतीकों से सजी सबसे बेहतर भाषा इनके गीतों में देखी जा सकती है। कहा कि भोजपुरी के बाद सबसे प्रचलित भाषा मैथिली का मूल मुंडा भाषा में निहित है।