क्या आम आदमी पार्टी (आप) सचमुच लोकतांत्रिक मूल्यों या सामाजिक सरोकारों के लिए लड़ना चाहती है या जैसे-तैसे चुनाव जीतना ही इसका पहला मक़सद है? पार्टी के भीतर चल रही उथल-पुथल से यह अहम सवाल पैदा होता है।
आम आदमी पार्टी में नित नए खुलासे हो रहे हैं। पार्टी झाड़ू की तीलियों की तरह बिखरती नजर आ रही है। कई आम लोग बोल रहे हैं मुद्दत बाद सोचा था कि कोई काम करेगा। गली-कूचों से लेकर सोशल मीडिया तक आप-आप हो रहा है। फेसबुक पर आप को लेकर बुद्धिजीवियों और आम लोगों ने अपनी राय रखी है।
आम आदमी पार्टी में बुधवार को उस समय संकट और गहरा गया जब पार्टी की वरष्ठि नेता अंजलि दमानिया ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की। आप में जारी विवाद के क्रम में दमानिया ने यू-टर्न लेते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल से कथित तौर पर संबंधित एक ऑडियो टेप आने के बाद पार्टी छोड़ने की घोषणा की है।
आम आदमी पार्टी में चल रहे मौजूदा विवाद के बीच अण्णा की टीम के पूर्व सदस्य मुफ्ती शमून कासमी ने कहा है कि उन्होंने जब पारदर्शिता और इंडिया अगेंस्ट करप्शन को मिलने वाले चंदे का मामला उठाया था तो अरविन्द केजरीवाल ने उन्हें भी अण्णा की टीम से बाहर निकलवा दिया था।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल का आज यहां के एक प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान में लगातार दूसरे दिन भी इलाज जारी रहा। 46 वर्षीय आप नेता जिंदल नेचर क्योर इंस्टीट्यूट में 10 दिनों के लिए भर्ती हुए हैं। केजरीवाल लंबे समय से खांसी से परेशान हैं। इसके अलावा उनका शर्करा स्तर भी अनियंत्रिात हो गया था।
प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव की आम आदमी पार्टी के राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी) से छुट्टी के बावजूद पार्टी का आंतरिक संकट खत्म होता नहीं दिख रहा। इस बार महाराष्ट्र से पार्टी के बड़े नेता मयंक गांधी ने सीधे अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा है।
आम आदमी पार्टी (आप) के भीतरी कलह अब निर्णायक मोड़ पर पहुंच गई है। बढ़ती अंतर्कलह से आहत अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को पार्टी के संयोजक पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने इस्तीफे में लिखा है कि वह केवल दिल्ली पर ध्यान देना चाहते हैं, इसलिए ही यह कदम उठाया है, क्योंकि दोनों जिम्मेदारियां निभाना मुश्किल हो गया है।
आम आदमी पार्टी का संकट सुलझाने केलिए आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में फैसला किया गया कि योगेंद्र यादव को राजनीतिक मामलों की समिति (पीएसी ) से हटा दिया जाए। कुछ दिनों से आम आदमी पार्टी में चल रहा घमासान और बड़े नेताओं की आपसी खींचतान बुधवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक से ठीक पहले नरम पड़ती दिखाई दी। दरअसल दोनों ही खेमों के बीच सुलह के पूरे प्रयास किए जा रहे हैं।
क्या मनोविज्ञान का पीटर सिद्धांत व्यक्तियों की तरह संगठनों और राजनैतिक दलों पर भी लागू होता है? पीटर सिद्धांत के अनुसार कोई व्यक्ति अपनी अक्षमता की हद तक ही तरक्की करता है। यानी दक्षता की उस सीमा तक तरक्की जहां से संबद्ध व्यक्ति की अक्षमता का प्रदेश शुरू होता है। अभी तक पीटर सिद्धांत का जिक्र सिर्फ व्यक्ति के संदर्भ में होता था।