बड़ी-बड़ी उम्मीदों और वादों के साथ केंद्र की सत्ता में आई नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार अपना एक साल पूरा करने जा रही है। इस मौके पर सबसे बड़ा सवाल यही उठ रहा है कि क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस एक साल के दौरान अपने वादों और नारों पर खरे उतर पाए? इस एक साल में उनका रिपोर्ट कार्ड कैसा रहा? अगर आर्थिक नजरिये से देखा जाए तो मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड बी ग्रेड का कहा जाएगा।
सिर्फ यह कहना गलत होगा कि मोदी सरकार के एक साल में उम्मीद से कम काम करने के कारण ही शेयर बाजार लुढ़कता जा रहा है। पिछले कुछ दिनों के दौरान सेंसेक्स और निफ्टी में 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है और निवेशकों को भारतीय बाजार के मुकाबले चीनी बाजार ज्यादा आकर्षक लग रहा है।
विदेशी निवेशकों द्वारा हाथ खींचने के कारण शेयर बाजार का संवेदी सूचकांक लगातार दूसरे दिन लुढ़कता रहा। आज यह तकरीबन 300 अंक गिरकर लगभग 27 हजार पर पहुंच गया जो कि एक सप्ताह में सबसे बड़ी गिरावट है।
सत्यम कंप्यूटर्स के प्रमोटर बी. रामलिंगा राजू को 7 साल की सजा भले ही सुना दी गई हो मगर उन 6 करोड़ निवेशकों को यह सजा अगर कम लग रही है तो उसकी जायज वजहें हैं। राजू ने इन निवेशकों का सिर्फ भरोसा ही नहीं तोड़ा बल्कि उनकी खून-पसीने की कमाई भी लूट ली।
उत्तर प्रदेश सरकार ने आज एक विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी जो अच्छे ब्याज सहित रकम लौटाने का वायदा कर निवेश आकर्षित करने वाली वित्तीय संस्थानों में निवेशकों के हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।