राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने नियंत्रण रेखा के पार आतंकी ठिकानों पर भारत द्वारा किए गए लक्षित हमलों को एक ऐसा हमला बताया जिसका सभी लोग इंतजार कर रहे थे।
चुनाव आयोग ने राज्य सभा चुनाव में स्याही विवाद के मामले में हरियाणा विधानसभा सचिव को अभ्यारोपित करते हुए तथ्यों को छिपाने और लापरवाही बरतने को लेकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पिछले पांच महीनों में मध्य प्रदेश के शेओपुर जिले में कुपोषण संबंधी बीमारियों के कारण 116 बच्चों की मौत की खबरों पर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है।
भारत ने बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर दो टूक कहा कि उसे जो सबूत मिले हैं उससे यह पता चलता है कि उरी हमले में पाक आधारित आतंकवादियों की संलिप्तता थी। भारत ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान से कहा कि वह नई दिल्ली के खिलाफ आतंकवाद का समर्थन और प्रायोजन करने से बचे।
आम आदमी पार्टी के 27 विधायकों की सदस्यता पर संकट आ सकता है। 21 संसदीय सचिवों के मामले से अलग एक अन्य मसले पर विधायकों पर लाभ के पद के दायरे में आने का आरोप लगाया गया है। कानून के एक छात्र ने जून में इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी। आयोग ने शिकायत को राष्ट्रपति के पास भेज दिया है।
भारत के विदेश सचिव एस जयशंकर ने साल 2008 के मुंबई हमले के मामले की सुनवाई को तेज करने के रास्ते सुझाते हुए अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखा है। हालांकि भारत की ओर से भेजे गए इस पत्र का पाकिस्तान की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया गया है।
समाजवादी पार्टी में शिवपाल यादव और भतीजे अखिलेश यादव के बीच की ताजा जंग का ठीकरा बेशक दो मंत्रियों की बर्खास्तगी या मुख्य सचिव को हटाए जाने पर फूट रहा हो मगर सच्चाई यह है कि विवाद केवल इतना भर नहीं है बल्कि उसकी जड़ें बेहद गहरी हैं। इस विवाद का बीज उस दिन ही पड़ गया था जब विधानसभा चुनावों से ऐन पहले अखिलेश से चर्चा के बिना ही बाहुबली डीपी यादव को सपा में शामिल कराने को हरी झंडी दी गई थी। इस पर प्रदेश पार्टी के मुखिया अखिलेश ने डीपी यादव को न लेने का एलान कर पहली बार चाचा शिवपाल को अपनी ताकत का एहसास कराया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्य सचिव दीपक सिंघल को हटा दिया है। इससे पहले अखिलेश ने प्रदेश के दो मंत्रियों को बर्खास्त किया था।
21 संसदीय सचिवों को मामले में दिल्ली सरकार की ओर से भेजी गई जानकारी से चुनाव आयोग को संतोष नहीं है। आयोग ने दिल्ली के मुख्य सचिव से दोबारा 11 बिंदुओं का हवाला देते हुए इस पर विस्तार से जानकारी मांगी है। संसदीय सचिवों की नियुक्ति से जुड़े आदेश, किसी तरह के बिल भुगतान, किन बैठकों में इन्होंने हिस्सा लिया और उनके क्या फैसले हुए समेत कई अन्य विस्तृत जानकारी 15 सितंबर तक देने को कहा है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार के 21 संसदीय सचिवों के पद गंवाने के बाद अब बड़े पदों और मोटी सैलरी पर काम कर रहे करीब 40 सलाहकार और निजी स्टाफ राजभवन के निशाने पर हैं। मुख्य सचिव से इनके पद, सैलरी और नियुक्ति की प्रक्रिया पर रिपोर्ट मांगने के बाद उप राज्यपाल सचिवालय ने विधि विभाग से पूछा है कि क्या इन्हें पद से हटाने के बाद इन्हें अब तक दी गई सैलरी वापस ली जा सकती है।