Advertisement

Search Result : "आर्थिक मामलों के सचिव"

संकटों से घिरे रियो में एक महीने बाद शुरू होगा खेलों का महासमर

संकटों से घिरे रियो में एक महीने बाद शुरू होगा खेलों का महासमर

अपराधों से घिरे और आर्थिक तंगहाली की मार झेल रहे रियो दि जिनेरियो में ठीक एक महीने बाद ओलंपिक खेल शुरू होंगे और इसके साथ ही खेलों के महाकुंभ की मेजबानी करने वाला यह पहला दक्षिण अमेरिकी शहर बन जायेगा।
भ्रष्‍टाचार का आरोप : केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार गिरफ्तार

भ्रष्‍टाचार का आरोप : केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार गिरफ्तार

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार को सोमवार को सीबीआर्इ ने गिरफ्तार कर लिया है। राजेंद्र कुमार पर बिना नीलामी के 50 करोड़ के ठेके देने का आरोप था।
संसद सत्र में स्वामी को टक्कर देंगे ‘राम’

संसद सत्र में स्वामी को टक्कर देंगे ‘राम’

संसद के मॉनसून सत्र का ऐलान हो गया है। मॉनसून सत्र 18 जुलाई से 12 अगस्त तक होगा। इस दौरान राज्यसभा में भाजपा के नॉमिनेटेड सदस्य सुब्रह्मण्यम स्वामी को जोरदार टक्कर देंगे बिहार के ‘महागठबंधन’ के सांसद और जाने माने वकील राम जेठमलानी। कालाधन, जीएसटी और आर्थिक मुद्दों पर दोनों दिग्गजों के बीच राज्यसभा में जोरदार बहस की संभावना है।
चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

चंद्रास्वामी के बिना अधूरी राव-गाथा

नरसिंह राव भारत के सर्वाधिक विवादास्पद प्रधानमंत्री होने के साथ आजादी के बाद आर्थिक क्रांति के जनक माने जाते हैं। राव के राजनीतिक जीवन और कार्यकाल पर बहुत कुछ लिखा-छपा है लेकिन इस सप्ताह युवा प्रोफेसर और पत्रकार विनय सीतापति की नई पुस्तक हाफ लॉयन: हाऊ पी.वी. नरसिंह राव ट्रांसफॉर्म्ड इंडिया में कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों, पत्रों और भेंटवार्ताओं के जरिये राव के राजनीतिक जीवन से जुड़े कई पहलुओं की चर्चा हो रही है।
मनमोहन के सचिव के दामाद की कंपनी में विदेश से आए करोड़ों!

मनमोहन के सचिव के दामाद की कंपनी में विदेश से आए करोड़ों!

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के पूर्व प्रिंसिपल सेक्रेटरी और सलाहकार रहे टीकेए नायर की बेटी और दामाद से जुड़ी कंपनी में खाड़ी के देश से 45 करोड़ रुपये आने का आरोप लग रहा है। कमाल की बात है कि कंपनी जिस उद्देश्य से बनाई गई थी वैसा कोई काम भी नहीं कर रही है।
कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कमलनाथ के बाद कांग्रेस की नई पंजाब प्रभारी आशा कुमारी पर भी उठा विवाद

कांग्रेस ने रविवार को पंजाब में कमलनाथ की जगह पार्टी सचिव आशा कुमारी को एआईसीसी प्रभारी नियुक्त किया लेकिन जमीन कब्जाने के एक मामले में उनके दोषी होने को लेकर विवाद शुरू हो गया। इससे पहले कमलनाथ ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों में कथित भूमिका को लेकर भाजपा, अकाली दल और आप के विरोध के बाद पिछले दिनों यह जिम्मेदारी छोड़ दी थी।
शिवसेना बोली, भाजपा ने स्‍वामी का उपयोग किया अब उनके विचारों से पल्‍ला ना झाड़े

शिवसेना बोली, भाजपा ने स्‍वामी का उपयोग किया अब उनके विचारों से पल्‍ला ना झाड़े

शिवसेना ने शुक्रवार को कहा कि वह सुब्रमण्यम स्वामी के विचारों की सराहना करती है। उसने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी गांधी परिवार के खिलाफ नेशनल हेराल्ड मामले में स्वामी का इस्तेमाल करने के बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम से जुड़ी उनकी टिप्पणियों से अब पल्ला नहीं झाड़ सकती।
अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

अब स्वामी ने किया शक्तिकान्त दास पर हमला, जेटली ने कहा गलत

भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने आज आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास पर हमला बोला। जिस पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने एक अनुशासित सरकारी अधिकारी पर इस तरह के हमले को अनुचित व गलत बताया।
नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

नए विधायकों के लिए इंटर्नशिप था संसदीय सचिव पद

1937 में जब पहली बार कांग्रेस-लीग के समझौते के बाद उत्तर प्रदेश में पहली कांग्रेस सरकार चुनकर आई तो नेहरू जी मंत्रिमंडल में लीग को स्थान देने के लिए तैयार नहीं हुए थे। जिसके फलस्वरूप देश के विभाजन की नींव रखी गई थी। मेरा उद्देश्य इस सवाल को उठाना नहीं है। उससे कई और सवाल जुड़े हैं। मैं यहां संसदीय सचिव (पार्लियामेंन्ट्री सेक्रेट्री) के पद के इतिहास के बारे में बात करना चाहता हूं। यह पद ब्रिटिश सरकार की परंपरा का हिस्सा है। मैंने कहीं पढ़ा था चर्चिल भी शायद पहले संसदीय सचिव ही हुए थे। सन 1937 में जब पंडित गोविंद वल्लभ पंत के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार बनी थी तो वह मुख्यमंत्री बने थे और विजय लक्ष्मी पंडित मंत्री बनी थीं। यदि संसद सचिवों की बात की जाए तो चौधरी चरण सिंह (जो प्रधानमंत्री बने), चंद्रभानु गुप्त (चार बार मुख्यमंत्री बने और कांग्रेस के कद्दावर नेता थे), आचार्य जुगल किशोर (1947 में आजादी के वक्त कांग्रेस के जनरल सेक्रेट्रियों में थे) समेत कई संसदीय सचिव थे। उसके बाद भी संसदीय सचिव की परंपरा मंत्रिमंडल का अंग रही। मैं स्मृति से लिख रहा हूं। केंद्र में भी यह पद था। प्रदेश में कई बड़े नेताओं ने संसदीय सचिव के पद से अपना करिअर आरंभ किया था जिनमें बाबू बनारसी दास (मुख्यमंत्री रहे), हेमवतीनंदन बहुगुणा (पूर्व मुख्यमंत्री, कैलाश प्रकाश पूर्व. शिक्षा मंत्री) आदि सम्मिलित हैं।