अमेरिका और उसके मित्र पश्चिमी देशों तथा ईरान के बीच परमाणु फ्रेमवर्क करार के रूप में संबंधों की बर्फ पिघलने का फायदा उठाने के लिए पाकिस्तान ने भारत के मुकाबले ज्यादा फुर्तीला कूटनीतिक फुटवर्क दिखाया है।
विश्व बैंक का अनुमान है कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर वर्ष 2017 तक आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी और देश में मजबूत विस्तार तथा तेल की अनुकूल कीमतों के चलते दक्षिण एशिया की वृद्धि दर बढ़ेगी।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मंगवार को अनुमान जताया है कि भारत की वृद्धि दर चीन को पार कर अगले वित्त वर्ष के दौरान बढ़कर 7.8 प्रतिशत हो जाएगी और 2016-17 में यह 8.2 प्रतिशत हो जाएगी।
नरसिंह राव सरकार में वित्त मंत्री के तौर पर 1991 में आर्थिक सुधारों का मार्ग प्रशस्त करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि आज पेश किया गया वर्ष 2015-2016 का बजट राजग सरकार के अच्छे इरादों को जाहिर करता है लेकिन इसमें उद्देश्यों को हासिल करने के लिए किसी स्पष्ट योजना का अभाव है।
आम बजट से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2014-15 पेश किया। सर्वेक्षण में अगले वित्त वर्ष में 8.1 से 8.5 प्रतिशत आर्थिक वृद्धि रहने का अनुमान लगाते हुये बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
सरकारी गलियारों में दूर तक पसरे हुए कॉर्पोरेट जगत के पंजे सार्वजनिक नीतियों को अपने स्वार्थ के लिए कैसे मोड़ते हैं, इसका पर्दाफाश नीरा राडिया टेप कांड ने कुछ वर्ष पहले किया था। सत्ता के गलियारों में वैसी ही कॉर्पोरेट घुसपैठ पर से वैसा ही पर्दा अब मंत्रालय जासूसी कांड उठा रहा है। प्याज के छिलकों की तरह इसकी परतें प्रतिदिन और खुलती जा रही हैं। लेकिन सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि इन परतों के नीचे छोटी-छोटी कठपुतलियां नचाने वाले बड़े-बड़े असली चेहरे सामने आते हैं या नहीं। और सामने आ भी जाएं तो उनके किए की कानूनी जवाबदेही ठहराई जाती है या नहीं।
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि विदेशी निवेश आकर्षित करने के प्रयासों के तहत भारत की नई सरकार आगामी बजट में सुधारवादी उपाय पेश करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आने वाले दिनों में विदेशी निवेश को आकर्षित करने एवं भारत को उत्पादन के लिए पसंदीदा स्थान बनाने के लिए भी अनुकूल प्रयास किए जाएंगे।
सिंगापुर में निर्माण गतिविधियों में नरमी और विदेशी कामगारों की नियुक्ति को लेकर कड़े नियमों के चलते भारत व बांग्लादेश में 10,000 से ज्यादा लोगों की नौकरी की आस अधूरी रह गई है।