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प्रेस क्लब नारेबाजी: गिलानी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

प्रेस क्लब नारेबाजी: गिलानी को दो दिन की पुलिस हिरासत में भेजा

दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी को मंगलवार की सुबह देशद्रोह और अन्य आरोपों के तहत दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के बाद गिलानी को दिल्ली की एक अदालत में पेश किया गया जहां से मजिस्ट्रेट ने उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। गिलानी की गिरफ्तारी पिछले दिनों प्रेस क्लब में आयोजित उस समारोह के संबंध में की गई है जिसमें भारत विरोधी नारे लगाए गए थे।
दुनिया के 400 शिक्षण संस्थानों से जेएनयू को समर्थन

दुनिया के 400 शिक्षण संस्थानों से जेएनयू को समर्थन

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) परिसर में पुलिस की कथित ज्यादती के विरोध में आज यहां प्रदर्शन किया। आने वाली 18 तारीख को देश भर के विश्वविद्यालय में हड़ताल का आह्वान किया गया है। इसके अलावा दुनिया भर से 400 शिक्षण संस्थानों ने जेएनयू के हक में समर्थन दिया है।
हड़ताल में शामिल हुए जेएनयू शिक्षक, रोज लेंगे राष्ट्रवाद पर क्लास

हड़ताल में शामिल हुए जेएनयू शिक्षक, रोज लेंगे राष्ट्रवाद पर क्लास

देशद्रोह के मामले में जेएनयू छात्र संघ की गिरफ्तारी के विरोध में विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा बुलाई गई हड़ताल में विश्वविद्यालय के शिक्षक भी शामिल हो गए हैं। शिक्षकों ने कहा कि वे विश्वविद्यालय लॉन में रोजाना राष्ट्रवाद पर कक्षाएं लेंगे।
जेएनयू छात्र हड़ताल पर, कन्हैया की अदालत में पेशी आज

जेएनयू छात्र हड़ताल पर, कन्हैया की अदालत में पेशी आज

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार की देशद्रोह के आरोप में की गई गिरफ्तारी के विरोध में विश्वविद्यालय के छात्र हड़ताल पर चले गए हैं। छात्रों का कहना है कि कन्हैया की रिहाई होने तक उनकी हड़ताल जारी रहेगी।
'हम बाइचांस इंडियन नहीं बल्कि बाइच्वाइस इंडियन हैं'

'हम बाइचांस इंडियन नहीं बल्कि बाइच्वाइस इंडियन हैं'

जमीयत उलेमा ए हिंद के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी ने कहा है कि मुसलमान बाइचांस इंडियन नहीं बल्कि बाइच्वाइस इंडियन हैं और वतन से प्यार था इसलिए वे भारत में रुके। मदनी ने यह बातें मेरठ में आयोजित हुसूले इंसाफ सम्मेलन में बोलीं।
प्रेस क्लब नारेबाजी: एसएआर गिलानी पर राष्टद्रोह का मामला दर्ज

प्रेस क्लब नारेबाजी: एसएआर गिलानी पर राष्टद्रोह का मामला दर्ज

दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में आयोजित एक कार्यक्रम के सिलसिले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व लेक्चरर एसएआर गिलानी के खिलाफ राष्ट्रद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। आरोप है कि गिलानी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में एक समूह ने संसद हमले के दोषी अफजल गुरू के समर्थन में नारेबाजी करने के साथ ही पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे भी लगाए थे।
जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जेएनयू विवादः छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया गिरफ्तार

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में देशविरोधी नारेबाजी और संसद हमले के दोषी अफजल गुरू की बरसी मनाने को लेकर दिल्ली पुलिस ने सख्त रुख अपना लिया है। इस मामले में जेएनयू के छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने पूछताछ के बाद कन्हैया को गिरफ्तार किया।
लोकतंत्र में बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते: कमल हासन

लोकतंत्र में बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते: कमल हासन

सामान्य लोकतांत्रिक प्रक्रिया के जरिये जर्मनी में हिटलर के सत्ता में आने और भारत में आपातकाल के ऐतिहासिक घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए अभिनेता कमल हासन ने कहा कि हम बोलने की आजादी को हल्के में नहीं ले सकते। साथ ही हासन ने लोकतंत्र में बोलने की आजादी के संरक्षण के लिए सतत निगरानी को जरूरी बताया।
दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

दलितों और मुस्लिमों के पिछड़ेपन की अहम वजह है भेदभाव: थोराट

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष सुखदेव थोराट ने दूसरे वर्गों के मुकाबले दलितों और मुसलमानों के शिक्षा, रोजगार एवं राजनीतिक प्रतिनिधित्व में पिछड़े होने का दावा करते हुए शनिवार को कहा कि इस पिछड़ेपन की सबसे बड़ी वजह इन दोनों समुदायों के साथ होने वाला कथित भेदभाव है।
आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

आवरण कथाः उच्च शिक्षा की साख पर खतरा

हाल ही में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में उच्च शिक्षा के गिरते स्तर को लेकर चिंता प्रकट की मगर साथ ही साथ उन्होंने इस बात पर संतोष भी जताया कि निजी शिक्षा के क्षेत्र में फैलाव से उच्च शिक्षा तक छात्रों की पहुंच बढ़ गई है। आंकड़े दिखाते हैं कि राष्ट्रपति की दोनों ही बातों में दम है। वर्तमान में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 60 फीसदी छात्र निजी संस्थानों से हैं। निजी शिक्षा के प्रसार ने ऊंची शिक्षा तक पहुंच को बढ़ा दिया है लेकिन समय-समय पर सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठते रहे हैं। संसद की एक समिति ने भी उच्च शिक्षा की दशा पर सवाल उठाए हैं और इसे दुरुस्त करने की सिफारिश की है। हालांकि शिक्षा को लेकर सरकार कितनी गंभीर है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि साल 2014-15 के बजट में शिक्षा के बजट को 83 हजार करोड़ रुपये से घटाकर 69 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया और इससे अगले साल के बजट में भी इसमें बढ़ोतरी नहीं की गई।
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