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Search Result : "इकबाल अंसारी"

कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई

कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई

राज्यसभा में गुरुवार को एक अनूठा नजारा उस समय देखने को मिला जब सदस्यों ने कार्यकाल समाप्त कर चुके तीन सदस्यों को विदाई दी। राज्यसभा में शायद यह पहली बार हुआ की सदस्यों को कार्यकाल समाप्त होने के बाद विदाई दी गई। उससे भी रोचक नजारा यह रहा कि कार्यकाल समाप्त हो चुके माकपा के ऐसे एक सदस्य पी राजीव को फिर से सदन में वापस लाये जाने की सदन के नेता और नेता प्रतिपक्ष ने एक स्वर में मांग की।
चीन के राष्ट्रपति का पाकिस्तान के साथ 46 अरब डॉलर का करार

चीन के राष्ट्रपति का पाकिस्तान के साथ 46 अरब डॉलर का करार

चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग आज यहां पाकिस्तान की अपनी पहली सरकारी यात्रा पर पहुंचे जहां शी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 46 अरब डॉलर की एक आर्थिक गलियारा परियोजना के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद है।
शाहनवाज की हत्या रोड-रेज या फिर कुछ और

शाहनवाज की हत्या रोड-रेज या फिर कुछ और

दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके में बाइक सवार शाहनवाज की पीट-पीट कर हत्या रोड-रेज का मामला है या फिर कुछ और? क्योंकि जिन लोगों ने शाहनवाज को पीटा है वह इस इलाके के घोषित बदमाश हैं और इनका संबंध इलाके के आम आदमी पार्टी के विधायक के साथ बताया जा रहा है।
बांग्लादेश ने हासिल किया रिकार्ड लक्ष्य

बांग्लादेश ने हासिल किया रिकार्ड लक्ष्य

तमीम इकबाल की अगुवाई में शीर्ष क्रम के चार बल्लेबाजों की अर्धशतकीय पारियों से बांग्लादेश ने पेशेवर क्रिकेट का शानदार नमूना पेश करके यहां काइल कोएटजर की बड़ी शतकीय पारी पर पानी फेरा और स्काटलैंड को छह विकेट से हराकर आईसीसी विश्वकप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचने की अपनी उम्मीदों को जीवंत रखा।
आज की शब पौ फटे तक जागना होगा

आज की शब पौ फटे तक जागना होगा

उस कदर प्यार से ऐ जाने जहां रखा है दिल के रुखसार पे इस वक्त तेरी याद ने हाथ अक्सर हमारी तनहाइयों में लरजां रहे उनकी आवाज के साये, गो हम कभी इकबाल बानो का दीदार नहीं कर सके और वह चली गई। हालांकि हमारे और इस उपमहाद्वीप के दिल की गहराईयों में वह हमेशा सुलगती रहेंगी। उफक पर चमकती हुई। सच पूछो तो बानो के सामने, पुरानी कहावत के मुताबिक, हम कभी जनमे ही नहीं क्योंकि हमने उनका लाहौर कभी नहीं वेख्या, हालांकि वह हमारी दिल्ली से ही वहां जा बसी थीं। पर आधुनिक टेक्नोलॉजी का कमाल कहिए कि इकबाल बानो की दमदार आवाज ने इस पार के करोड़ों लोगों की तरह हमारी रगों में भी एक अजीब वक्त की बेडिय़ों में जकड़े लाहौर की जुंबिश धडक़ाई थी: जब जुल्मों सितम के कोहे गरां रूई की तरह उड़ जाएंगे हम महकुमूं के पांव तले ये धरती धड़-धड़ धडक़ेगी और अहले हुकुम के सर ऊपर जब बिजली कड़-कड़ कडक़ेगी हम देखेंगे
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