Advertisement

Search Result : "उत्तराखंड का कुंभ मेला"

दिल्ली पुस्तक मेला: पाठक कम लेखक ज्यादा

दिल्ली पुस्तक मेला: पाठक कम लेखक ज्यादा

विश्व पुस्तक मेले में इस बार हिंदी लेखकों की आमद ने पाठकों को भी पछाड़ दिया है। देश के कोने-कोने से पधारे लेखकों को देख कर लगता है कि हिंदी साहित्य की परंपरा बहुत समृद्ध हो रही है। किताबों की संख्या बढ़ रही है क्योंकि एक-एक लेखक साल भर में कम से कम पांच किताबें लिखने का माद्दा रखता है।
एक विद्रोही गीत की कहानी

एक विद्रोही गीत की कहानी

देश के राजनीतिक इतिहास में ऐसी घटनायें कम ही सुनने को मिलती हैं कि एक गीत किसी सरकार के लिए मुसीबत खड़ी कर दे और सरकार को उस गीत और गीतकार के खिलाफ पूरी ताकत झोंकनी पड़ी हो। और आख़िरकार वह गीत ही सरकार का विदाई गीत बन गया हो।
विश्व पुस्तक मेले में रौनक

विश्व पुस्तक मेले में रौनक

किताब प्रेमी हर साल इन्तज़ार करते हैं कि कब किताबों का मौसम आएगा और वे न सिर्फ किताबों की दुनिया में खो जाएंगे बल्कि भागम भाग के इस दौर में कुछ पल किताबों की जिल्द की छांव में सुस्ता भी लेंगे। पुस्तक मेला नएपन के लिए जाना जाने लगा है।
पुस्तकों के दीवाने

पुस्तकों के दीवाने

नेशनल बुक ट्रस्ट नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में जिगर मुरादाबादी और पवित्र भूमि पर पुस्तकों की खुशबुओं से सुवासित करने का सात्विक कार्य ‘पुस्तक मेला’ के रूप में आयोजित किया गया।
Advertisement
Advertisement
Advertisement