छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में बेहाल शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने में कलेक्टर अवनीश शरण का बहुत बड़ा हाथ है। ये पहला मौका नहीं है, जब अवनीश ने अपनी बेटी का एडमिशन सरकारी स्कूल में कराया, इससे पहले उन्होंने अपनी बेटी को 9 माह तक आंगनबाड़ी में पढ़ाया था।
क्रिकेट की चकाचौंध के सामने जिस हॉकी को हमने लगभग भूला-सा दिया, आज उसने खेल प्रेमियों को खुश होने की बड़ी वजह दी। भारतीय हाॅॅॅकी ने आज वो किया, जिसकी उम्मीद क्रिकेट में की जा रही थी। सबकी निगाहें क्रिकेट पर रही, लेकिन कामयाबी हॉकी में मिली।