भाजपा और संघ से जुड़े वकीलों की सरकार से शिकायत है कि सरकार बदल गई लेकिन केंद्र सरकार के अधीन दिल्ली विकास प्राधिकरण और कुछ सार्वजनिक उपक्रमों में वकीलों का पैनल नहीं बदला।
पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। खेतों में खड़ी गेंहू की फसल जमीन पर बिछ गई है। आने वाले बैसाखी की खुशियां गमी में बदल गई हैं।
दिल्ली में आज से लागू हुई सम-विषय योजना को लेकर लोगों में जितना उत्साह देखा जा रहा है इसके नतीजे भी उतने ही उत्साहवर्धक हैं। पहले दिन ही से दिल्ली की सड़कों पर इसका असर दिखने लगा है। लोगों में प्रदूषण कम करने को लेकर काफी जागरूकता देखी जा रही है।
स्वचालित राइफलों और विस्फोटकों वाली बेल्ट का इस्तेमाल कर हमलावरों ने राजधानी पेरिस की कम से कम छह जगहों को हत्या के मंजर में तब्दील कर दिया। यह एक आम शुक्रवार की रात थी जो लहूलूहान हो गई। पेरिस के लोगों ने बार-बार इसे जनसंहार का शब्द दिया।
चीन ने आज दशकों पुरानी एक बच्चे की अपनी विवादास्पद नीति को निरस्त कर दिया। अब चीन की सरकार के इस कदम से विश्व के सर्वाधिक आबादी वाले देश में सभी दंपतियों को दो बच्चे रखने की अनुमति मिल गई है।
भारत और बांग्लादेश के बीच 162 एनक्लेव की अदला-बदली का समझौता शुक्रवार मध्यरात्रि से प्रभावी हो गया है। भारत ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया है। आजादी के बाद से ये मुद्दा लंबित था।
लोकसभा और राज्यसभा में कांग्रेस सदस्यों का विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को लेकर हंगामा जारी है। लेकिन सुषमा स्वराज के एक ट्वीट के बाद कांग्रेसी सांसदों ने रणनीति बदल दी। सत्र शुरु होते ही कांग्रेसी सांसद सदन में काली पट्टी बांधकर और प्ले कार्ड लेकर पहुंचे। इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने चेतावनी दी कि प्ले कार्ड और काली पट्टी पहनकर सदन में आना उचित नहीं है। इससे सदन की गरिमा धूमिल होती है।
केंद्र पर अपने हमले जारी रखते हुए असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा समझौते (एलबीए) के दायरे से असम को बाहर करने का प्रस्ताव कर राजनीतिक फायदे की खातिर दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों का तात्कालिक असर तो यही होगा कि मोदी और अमित शाह की लगातार जीत से पस्त पड़े गैर कांग्रेसी विपक्ष में जान पड़ सकती है। यह इसी वर्ष बिहार में होने वाले चुनावों में नजर आ सकता है।
सन 2002 में कौन कल्पना कर सकता था कि अमेरिका में एक अश्वेत नेता राष्ट्रपति बन सकेगा? भारत में किसने सोचा होगा कि गुजरात के घृणित दंगों की पृष्ठïभूमि के बावजूद प्रदेश के नवोदित नेता नरेंद्र मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बन सकते हैं?