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Search Result : "एमएसपी पर बेवजह तर्क न करें"

राहुल का मोदी पर निशाना, बदले की राजनीति न करें प्रधानमंत्री

राहुल का मोदी पर निशाना, बदले की राजनीति न करें प्रधानमंत्री

अमेठी में फूड पार्क के रद्द किए जाने से नाराज कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदले की राजनीति नहीं करने के वादे की याद दिलाया। राहुल ने कहा प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि उनके चुनाव क्षेत्र में प्रस्तावित फूड पार्क को न रद्द किया जाए। हालांकि सरकार की ओर से यह आश्वासन मिला कि इस मामले को देखा जाएगा।
ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

ह‌िंदू परिवार कम बच्चे पैदा करने का फैसला ना करें ः वीएचपी

ह‌िंदू परिवारों को यह अधिकार नहीं है कि वे यह तय कर सकें कि उन्हें कितने बच्चे पैदा करने हैं। यह तय करेंगे ह‌िंदू संगठन क्योंकि उन्हें चिंता है क‌ि ह‌िंदू कहीं भारत में ही अल्पसंख्यक न हो जाएं। यह तर्क लंबे समय से हिंदुत्वादी संगठन देते रहे हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उन्होंने ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए आक्रामक अभियान छेड़ रखा है।
विराट और अनुष्का का सम्मान करें: युवराज

विराट और अनुष्का का सम्मान करें: युवराज

भारतीय टीम से बाहर चल रहे आलराउंडर युवराज सिंह ने क्रिकेट प्रशंसकों से अपील की है कि वे टेस्ट कप्तान विराट कोहली और उनकी अभिनेत्री महिला मित्र अनुष्का शर्मा की निजी जिंदगी का सम्मान करें।
जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

जवाबदेही के जुए से कतराती नौकरशाही

सूचना के अधिकार कानून के क्रियान्वयन पर अभी चार अध्ययन आए हैं। दो गैर सरकारी, परिवर्तन और सूचना के जनाधिकार पर राष्‍ट्रीय अभियान द्वारा, और दो सरकारी, केंद्रीय सूचना आयोग की कमेटी और स्वयं भारत सरकार के कार्मिक मंत्रालय द्वारा। सभी की रिपोर्ट के अनुसार सूचना का अधिकार सक्षमता से लागू करने में मुख्य बाधा अपर्याप्त क्रियान्वयन, कर्मचारियों के प्रशिक्षण का अभाव और खराब दस्तावेज प्रबंधन है। किसी ने फाइल देखने की नोटिंग की मांगों और खिझाऊ तथा तुच्छ आवेदनों के कारण नहीं माना है। फिर भी कार्मिक मंत्रालय नौकरशाही के दबाव में इनसे संबंधित लाना चाहता है तो उसकी मंशा पर शक होता है वही कार्मिक मंत्रालय जिसका अपना अध्ययन बताता है कि अभी देश के सिर्फ 15 प्रतिशत लोगों को सूचना के अधिकार के कानून की जानकारी है और 85 प्रतिशत लोगों को नहीं। यानी नौकरशाही अभी भी सिर्फ 15 प्रतिशत भारतीयों के प्रति जवाबदेह होने से भी कतरा रही है। और परिवर्तन की रिपोर्ट के अनुसार इन 15 प्रतिशत में सिर्फ एक-चौथाई यानी 27 फीसदी ही संतोषप्रद सूचना हासिल कर पाते हैं।
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